Kailash Mansarovar Yatra 2025: इस साल गर्मी के मौसम में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो जाएगी. हाल ही में इस बारे में विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है. आपको बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा और दोनों देशों के बीच फ्लाइट सर्विस साल 2020 से बंद थी. कैलाश मानसरोवर भगवान शिव और माता पार्वती का निवास स्थान माना जाता है. अगर आप भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो चलिए जानते हैं भगवान शिव के इस निवास स्थान पर पहुंचने का आसान तरीका...
कैसे की जाती है कैलाश पर्वत की यात्रा?
आपको बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को सड़क और हेलीकॉप्टर से पूरा किया जा सकता है. मानसरोवर यात्रा के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करने में कम से कम 10 से 30 दिन लग जाते हैं. कैलाश पर्वत चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है. कैलाश पर्वत हिमालय की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है. इस जगह पर हर साल हिंदू, बौद्ध, जैन धर्म के लोग दुनियाभर से हजारों की संख्या में जाते हैं.
जानें भगवान शिव के इस निवास स्थान पर पहुंचने का आसान तरीका
कैलाश मानसरोवर की यात्रा देश के कई राज्यों से की जाती है. इस यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत तिब्बत सीमा पुलिस करती है. इस यात्रा पर जाने वाले लोगों का सहयोग और सहायता सिक्किम पर्यटन विकास निगम और कुमांऊ मंडल विकास निगम करती हैं. इसी के साथ इस यात्रा पर जाने वाले लोगों की फिटनेस दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट द्वारा की जाती है. कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए आप विदेश मंत्रालय की वेबसाइट या फिर उत्तराखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
कैलाश मानसरोवर की यात्रा को पूरा करने के लिए एक पूरा लंबा ट्रेक करना पड़ता है. इस सब मुश्किलों के बावजूद भगवान शिव के भक्त इस यात्रा को पूरा करने के लिए अपने घरों से कैलाश पर्वत का सफर तय करते है. इस यात्रा पर जाने के लिए अप्रैल से अक्टूबर तक का समय अच्छा माना जाता है. ध्यान रहें कि इस यात्रा पर जाने की योग्यता के लिए भारत का नागरिक होना चाहिए. साथ ही 6 महीने के लिए वैध भारतीय पासपोर्ट होना चाहिए.