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'वह कहां गायब हैं?', PM मोदी को कांग्रेस ने घेरा तो भड़के फारूक अब्दुल्ला, पाकिस्तान को भी दिया संदेश

Farooq Abdullah On PM Modi Controversy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों को देश की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय का निर्धारण करने के लिए पूरी परिचालन स्वतंत्रता प्राप्त है.

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Edited By: Ritu Sharma
Farooq Abdullah
Courtesy: Social Media

Farooq Abdullah On PM Modi Controversy: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कांग्रेस के उस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहलगाम आतंकी हमले के बाद 'लापता' बताया गया था. अब्दुल्ला ने स्पष्ट कहा, ''वो कहां गायब हैं? मुझे पता है कि वो दिल्ली में हैं.''

बता दें कि कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें पीएम मोदी की पुरानी तस्वीर को इस तरह दिखाया गया था कि उनका शरीर गायब है और सिर्फ कपड़ों की आकृति बनी हुई है. पोस्ट में लिखा था, ''जिम्मेदारी के समय - गायब'', जिसे बाद में विवाद के बाद हटा लिया गया.

'प्रधानमंत्री को पूरा समर्थन' - फारूक अब्दुल्ला

वहीं फारूक अब्दुल्ला ने दो टूक कहा, ''हमने प्रधानमंत्री को अपना पूरा समर्थन दिया है. उसके बाद हमसे सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए. जो काम उन्हें करना है, वो करें.'' उन्होंने पीएम की कार्यशैली पर उंगली उठाने को अनुचित बताया.

पाकिस्तान को दी सख्त चेतावनी

इसके अलावा, पाकिस्तान की तरफ से बार-बार परमाणु ताकत की धमकी पर अब्दुल्ला ने करारा जवाब देते हुए आगे कहा, ''हमारे पास भी परमाणु हथियार हैं और उनसे पहले से हैं. भारत ने कभी पहले हमला नहीं किया, लेकिन अगर पाकिस्तान ऐसी हरकत करता है तो भारत जवाब देने में सक्षम है. भगवान करे वो दिन कभी न आए.'' उन्होंने मुंबई, पठानकोट, उरी और कारगिल हमलों की याद दिलाते हुए कहा, ''ये सब हमले पाकिस्तान ने किए हैं. अगर दोस्ती चाहिए तो आतंकवाद बंद करना होगा. लेकिन अगर दुश्मनी चाहिए, तो हम भी तैयार हैं और वे भी.''

PM मोदी ने सशस्त्र बलों को दी खुली छूट

बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि सशस्त्र बलों को 'पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता' दी गई है. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोभाल, CDS जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल थे. पहलगाम हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाया है, जिसमें सिंधु जल संधि को स्थगित करना और पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कार्रवाइयां शामिल हैं.