सनातन बोर्ड गठित होने से क्या होगा? क्या चाहते हैं साधु-संत? यहां देखें प्रमुख एजेंडे

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 27 जनवरी 2025 को एक प्रस्ताव भी पारित हो चुका है. जिसके मुताबिक हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए सनातन हिंदू बोर्ड अधिनियम का गठन किया जाएगा. हालांकि इसे पहले संसद से पास करना होगा. जिसके बाद ये बोर्ड हिंदू मंदिरों और उनकी संपत्तियों की रक्षा सुनिश्चित करेंगे.

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Hindu Sanatan Board: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के बीच हिंदुओं के लिए सनातन बोर्ड की मांग और भी ज्यादा तेज हो गई है. इप्रयागराज में एक विशाल धर्म संसद लगाई गई, जिसमें हिन्दुओं की सनतान बोर्ड बनाने की मांग की गई. इस संसद की अध्यक्षता कर रहे निम्बार्क पीठाधीश्वर श्याम शरण देवाचार्य का कहना है कि सनातन बोर्ड ना केवल धर्म की रक्षा करेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों की भी सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा. 

देवाचार्य ने तिरुपति बालाजी के बाहर नॉन वेज खाने के मामले पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक समय था नेपाल, भूटान, ईरान और अफगानिस्तान जैसे देश भारत के साथ सांसकृतिक रूप से जुड़े हुए थे. लेकिन अभी के समय में सबकुछ बदल चुका है. अगर आज हम इन सभी मामलों पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो भारत की स्थिति में भी बदलाव जल्द ही हो जाएगा. 

सनतान बोर्ड की क्या जिम्मेदारी?

सनतान बोर्ड की मांग को आगे रखते हुए इस्कॉन समूह से जुड़े गौरांग दास जी महाराज ने कहा कि अगर उद्योगों के लिए फिक्की, मेडिकल के लिए आईएमए जैसे संगठन हो सकते हैं तो हमारे पास 'सनातनियों' की सुरक्षा के लिए एक निकाय क्यों नहीं हो सकता है. उन्होंने  शांति, सुरक्षा और न्याय के उद्देश्य से सभी सनातनियों को एकजुट होने का संदेश दिया है. 27 जनवरी 2025 को महाकुंभ से एक प्रस्ताव भी पारित हो चुका है.

जिसके मुताबिक हिन्दुओं के इस कानून को सनातन हिंदू बोर्ड अधिनियम के नाम से जाना जाएगा. वहीं केंद्र सरकार द्वारा पहले संसद से पास कराना होगा. मिल रही जानकारी के मुताबिक इसे स्वतंत्र निकाय द्वारा स्थापित किए जाने की तैयारी है. जिसका काम हिंदू मंदिरों और उनकी संपत्तियों की रक्षा करना होगा. इसके अलावा ये बोर्ड सनातनी परंपराओं के साथ-साथ हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चि करेंगे. 

बोर्ड में कितने सदस्य होंगे?

इसके अलावा इस बोर्ड का अध्यक्ष केवल वही व्यक्ति होगा जो हिंदुत्व में विश्वास रखता हो और जिसे सनातनी परंपरा की समझ हो. इस बोर्ड का गठन देश के चारों शंकराचार्य के संरक्षण में किया जाएगा. जिसमें कुल 11 सदस्य होंगे, जिनमें 4 जगदगुरु, 3 सनातनी अखाड़ों के प्रमुख, 1  संरक्षक मंडल द्वारा नामित सदस्य और 2  प्रमुख संत/कथाकार अथवा धर्माचार्य को शामिल किया जाएगा. इस बोर्ड का एक सहयोगी मंडल भी होगा. जिसमें भी 11 सदस्यों की जगह होगी.

इन सदस्यों में 2 हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि, प्रमुख कथाकार, मंदिरों और गौशालों से जुड़े प्रमुख व्यक्ति होंगे. वहीं सलाहकार मंडल में सेवानिवृत न्यायधीश, रिटायर्ड आईएएस,मीडिया क्षेत्र का सनातनी, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी जगह दी जाएगी. यह बोर्ड मंदिरों की संपत्ति को मैनेज करेगी और बड़े मंदिरों के बैनर तले एक अस्पताल का संचालन शुरू करेगी. जिससे की आर्थिक रूप से कमजोर हिन्दू परिवारों की मदद की जाएगी. जिससे की धन के अभाव में होने वाले धर्म परिवर्तन को रोका जाएगा.