'इस सरकार का क्या करें?, बेशर्म राजनीति जारी...' मराठा आरक्षण को लेकर CM शिंदे पर बिफरे संजय राउत

Maratha Reservation: शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में उनकी पार्टी के सांसदों और विधायकों को निमंत्रण नहीं भेजा गया है.

नई दिल्ली: शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में उनकी पार्टी के सांसदों और विधायकों को निमंत्रण नहीं भेजा गया है. संजय राउत ने कहा कि जहां शून्य विधायकों वाली पार्टी को बैठक में आमंत्रित किया गया, वहीं उनकी पार्टी जिसके 16 विधायक और 6 सांसद हैं उनको आमंत्रित नहीं किया गया.

'इस सरकार का क्या करें?, बेशर्म राजनीति जारी...'

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राउत ने पोस्ट किया, "इस सरकार का क्या करें? भले ही महाराष्ट्र में आग लगी हो लेकिन उनकी बेशर्म राजनीति जारी है. मुख्यमंत्री ने मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक बुलाई. शिवसेना के 16 विधायक और 6 सांसद हैं. इसके बावजूद इस बैठक में शिवसेना को आमंत्रित नहीं किया गया. जिनके पास एक विधायक है उन्हें निमंत्रण. जिनके पास एक भी विधायक नहीं है उन्हें भी निमंत्रण है. शिवसेना की नजर बनी हुई है. विपक्ष के नेता के रूप में अंबादास दानवे को आमंत्रित किया गया. ठीक है. हम लाड़-प्यार नहीं चाहते लेकिन सवाल का समाधान कीजिए. जारांगे पाटिल की जान बचाइए. हिसाब-किताब का समय नजदीक आ रहा है .जय महाराष्ट्र!"

मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर सर्वदलीय बैठक

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तेज होते मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच राज्य की स्थिति पर चर्चा के लिए बुधवार सुबह सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बीच मराठा नेता मनोज जारांगे एक सप्ताह से अधिक समय से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं. सीएम एकनाथ शिंदे की ओर से समाधान का आश्वासन दिए जाने के बाद मंगलवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता ने पानी पीना शुरू करने का फैसला किया था.

जारांगे पाटिल का भोजन खाने से इनकार

जारांगे पाटिल ने भोजन खाने से इनकार करते हुए अपना आंदोलन जारी रखा है. पाटिल का कहना है कि वह दो और दिनों तक पानी पीते रहेंगे, लेकिन अगर राज्य सरकार मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देकर उन्हें ओबीसी श्रेणी में रखने में विफल रहती है तो वह अपनी पूरी भूख हड़ताल फिर से शुरू कर देंगे.

पात्र मराठों को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देने का निर्देश

मनोज जारांगे ने यह मांग की है कि सरकार मराठा आरक्षण की मांग पर चर्चा के लिए एक विशेष सत्र बुलाए. इससे पहले मंगलवार को राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति शिंदे समिति की ओर से प्रस्तुत पहली रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया और मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया तय करने के लिए एक सरकारी संकल्प (जीआर) जारी किया है. जिसके बाद मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को नया कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया गया. इस तरह सरकार ने मराठा समुदाय के सदस्यों के लिए ओबीसी श्रेणी में आरक्षण का लाभ उठाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है.

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