इस साल भी राजपथ पर होने वाली पारंपरिक गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली की झांकी नहीं दिखेगी. यह चौथी बार होगा जब राष्ट्रीय राजधानी को शामिल नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति जिसने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच फिर से वाकयुद्ध छेड़ दिया है. अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले की आलोचना करते हुए सवाल उठाए हैं.
केजरीवाल ने उठाए सवाल
केजरीवाल ने एक स्पष्ट संदेश में कहा, पिछले कई सालों से दिल्ली की झांकी को परेड में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है. यह कैसी राजनीति है? वे दिल्ली के लोगों से इतनी नफरत क्यों करते हैं? दिल्ली के लोग उन्हें वोट क्यों दें? उन्होंने कहा, "उनके पास दिल्ली के लोगों के लिए कोई विजन नहीं है. वे केवल केजरीवाल को गाली देते हैं. क्या हमें सिर्फ इसके लिए उन्हें वोट देना चाहिए? झांकी और दिल्ली के लोगों को 26 जनवरी की परेड में भाग लेने से क्यों रोका जा रहा है?
उन्होंने कहा कि दिल्ली भारत की राजधानी है और हर साल 26 जनवरी की परेड में इसका प्रतिनिधित्व होना चाहिए. भाजपा ने दावा किया कि केजरीवाल की टिप्पणी उनके "अराजकतावादी स्वभाव" को दर्शाती है और सवाल किया कि पूर्व मुख्यमंत्री क्या प्रदर्शित करना चाहते हैं.
बीजेपी का जवाब
दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वह (दिल्ली की झांकी में) क्या दिखाना चाहते हैं. भीषण जलभराव, जिसमें 60 से अधिक लोग मारे गए... या वह 'शीशमहल', जो उन्होंने लोगों का पैसा लूटकर बनाया है. उन्होंने कहा, "गणतंत्र दिवस की परेड में पूरे देश की झांकी प्रदर्शित होती है. झांकी पर फैसला एक समिति करती है. अब अरविंद केजरीवाल इसमें भी राजनीति करना चाहते हैं.
पिछले साल भी दिल्ली को परेड में झांकी की अनुमति नहीं दी गई थी. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह लगातार तीसरी बार है और दावा किया कि यह पंजाब विधानसभा चुनाव में आप से हारने के बाद भाजपा का "बदला" है. भारद्वाज ने कहा कि यह महज संयोग नहीं है कि पंजाब की झांकी का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया गया.