Waqf Amendment Act: क्या है 'वक्फ बाय यूजर' जिसकी सुप्रीम कोर्ट में हुई चर्चा, इसके बारे में समझिए
Waqf Amendment Act: सरकार का कहना है कि वक्फ बॉय यूजर का दुरुपयोग हुआ है और कई सरकारी व निजी संपत्तियों को वक्फ के तौर पर पहचान दी गई है, जो गलत था. वहीं, आलोचकों का कहना है कि यह कदम उन पुरानी इस्लामी संस्थाओं के लिए खतरा हो सकता है, जो भूमि रजिस्ट्रेशन सिस्टम से पहले अस्तित्व में थीं और जिनकी कानूनी पहचान नहीं थी.

What is Waqf by user in Waqf Amendment Act: सुप्रीम कोर्ट ने 'वक्फ (अमेंडमेंट) एक्ट 2025' के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कुछ खास वक्फ संपत्तियों के बारे में चिंता जताई, जिन्हें 'वक्फ बॉय यूजर' कहा जाता है. कोर्ट ने 16 अप्रैल 2025 को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वक्फ बॉय यूजर संपत्तियों को नए कानून के तहत डिनोटिफाई (अधिसूचित न करना) न किया जाए, कम से कम अगली सुनवाई तक. इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई को होगी. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर क्या है वक्फ बॉय यूजर?
वक्फ बॉय यूजर क्या है?
वक्फ बॉय यूजर एक ऐसी संपत्ति को कहा जाता है जिसे धार्मिक या सामाजिक उद्देश्य के लिए लंबे समय तक उपयोग में लाने के आधार पर वक्फ माना जाता है, भले ही इसके लिए कोई औपचारिक दस्तावेजी प्रमाण न हो. इसका मतलब है कि अगर कोई संपत्ति लंबे समय से धार्मिक या समाजिक कार्यों के लिए उपयोग हो रही है, तो उसे वक्फ संपत्ति के रूप में स्वीकार किया जा सकता है, भले ही उसके पास कोई अधिकारपत्र (दस्तावेज) न हो.
वक्फ बॉय यूजर का कानूनी इतिहास
यह प्रावधान पहले वक्फ (अमेंडमेंट) एक्ट 2013 के तहत कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त था. यह कानून कांग्रेस-नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा पारित किया गया था, जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि यदि कोई संपत्ति लंबे समय से समुदाय के द्वारा वक्फ के रूप में उपयोग हो रही है, तो उसे वक्फ के तौर पर माना जा सकता है, भले ही उस पर कोई लिखित दस्तावेजी प्रमाण न हो.
इस प्रावधान का मुख्य उद्देश्य उन ऐतिहासिक और धरोहर संपत्तियों की सुरक्षा करना था, जिनकी उत्पत्ति भूमि रजिस्ट्रेशन सिस्टम से पहले हुई थी, यानी उनकी कोई औपचारिक कानूनी पहचान नहीं थी. इन संपत्तियों को समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के रूप में संरक्षण प्रदान करना था.
नया वक्फ (अमेंडमेंट) एक्ट 2025 और वक्फ बॉय यूजर
नए वक्फ (अमेंडमेंट) एक्ट 2025 में वक्फ बॉय यूजर की परिभाषा को लगभग समाप्त कर दिया गया है. इस कानून के अनुसार, अब केवल एक ऐसा व्यक्ति जो पांच साल तक एक प्रैक्टिसिंग मुस्लिम हो और उस संपत्ति का 'कानूनी मालिक' हो, वही संपत्ति को वक्फ घोषित कर सकता है. इसके तहत अब केवल उन संपत्तियों को वक्फ माना जाएगा, जिनका दस्तावेजी मालिकाना हक हो.
सुप्रीम कोर्ट की चिंताएं और अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फिलहाल वक्फ बॉय यूजर संपत्तियों को डिनोटिफाई करने पर रोक लगा दी है. अदालत ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर अगले हफ्ते जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि तब तक स्थिति जैसी है, वैसी ही बनी रहेगी और किसी संपत्ति को वक्फ से हटा नहीं जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (अमेंडमेंट) एक्ट 2025 के तहत दो और प्रमुख मुद्दों पर चिंता जताई है. इनमें से एक था वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्ड्स में गैर-मुस्लिमों का प्रभुत्व और दूसरा था, उस प्रावधान का जो कहता है कि अगर कोई संपत्ति सरकारी भूमि के रूप में घोषित हो, तो उसे वक्फ के तौर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा.
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