SVES Visa: पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत ने कई अहम फैसले लिए हैं जिनमें पाकिस्तानियों के भारतीय वीजा को कैंसिल करना शामिल है. रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने बुधवार को घोषणा करते हुए बताया था कि पाकिस्तानी नागरिकों को अब साउथ एशियन असोसिएशन फॉर रीजनल कॉरपोरेशन (SAARC) वीजा वेवर स्कीम (SVES) के तहत भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इसके अलावा यह भी कहा गया है कि इस योजना के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ देना चाहिए. बता दें कि यह घोषणा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हई है जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई. इस हमले को नागरिक शांति और स्थिरता पर हमला बताया गया है और कड़ी निंदा की गई है. सरकार ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की कसम खाई है.
1992 में SVES को लागू किया गया था. SAARC सदस्य देशों के बीच ट्रैवलिंग को आसान बनाना इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य था. इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं. यह पहल इस्लामाबाद में 1988 के सार्क शिखर सम्मेलन से की गई थी जहां क्षेत्रीय सहयोग और लोगों के बीच आदान-प्रदान पर जोर दिया गया था.
इस स्कीम के तहत सार्क वीजा छूट स्टिकर 24 स्पेशल कैटेगरीज के तहत आने वाले व्यक्तियों को दिया गया था. सार्क सदस्य देशों के राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को भारत में स्वतंत्र रूप से ट्रैवल करने की अनुमति दी गई थी. हालांकि, यह स्कीम नेपाल, भूटान और पाकिस्तान के नागरिकों पर लागू नहीं होता है.
बता दें कि नेपाल और भूटान के नागरिकों को भारत आने के लिए वीजा की जरूरत नहीं थी, केवल कुछ कैटेगरीज के पाकिस्तानी नागरिक ही आवश्यकता नहीं थी, केवल कुछ श्रेणियों के पाकिस्तानी नागरिक ही मल्टिपल एंट्री बिजनेस वीजा के लिए एलिजिबल थे. यह वीजा एक वर्ष तक की अवधि के लिए ही वैधता और भारत के अंदर 10 जगहों के लिए लिमिटेड था. इसके बाद 2015 में इसमें संशोधन किया गया और 3 साल तक की वैधता समेत 15 जगहों के लिए सीमित किया गया.
फरवरी 2019 के पुलवामा हमले के बाद भी, नवंबर 2019 में करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोला गया था और भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को बिना वीजा के पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने की अनुमति दी गई थी. हालांकि, बुधवार को सीसीएस द्वारा की गई घोषणा ने आधिकारिक तौर पर भारत सरकार द्वारा 2015 के छूट आदेश को निलंबित कर दिया है.