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J&K में BJP बदलेगी फिजा! समझिए विधानसभा चुनाव के लिए आखिर क्या है मास्टर प्लान? 

Jammu and Kashmir Assembly Election: सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जम्मू-कश्मीर में सितंबर 2024 से पहले विधानसभा चुनाव कराने हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने अपनी नीतियां बनाना शुरू कर दी है. जम्मू-कश्मीर की सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी छोटे दलों के साथ तालमेल बना रही है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कम सीटों पर लड़ेगी. वह अधिकतर सीटों पर छोटे दलों और निर्दलीयों का समर्थन करेगी.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Jammu and Kashmir Assembly Election
Courtesy: Social Media

Jammu and Kashmir Assembly Election:  इस साल देश के चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने हैं. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में सितंबर 2024 के अंत तक राज्य में चुनाव कराने का आदेश दिया था. बीजेपी घाटी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर है. परिसीमन के बाद राज्य में होने विधानसभा चुनाव होने के आसार बन चुके हैं. अब बीजेपी घाटी में सरकार बनाने के लिए तैयारियों में जुट गई है. बीजेपी घाटी के छोटे दलों से तालमेल बैठाकर चल रही है. 

बीजेपी के चुनावी रणनीतिकार कहे जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह घाटी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए खुद ही रणनीति तैयार कर रहे हैं. हाल में ही अमित शाह और जेपी नड्डा ने घाटी में पार्टी का काम देख रहे नेताओं के साथ बैठक की थी. इस बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीतियों पर चर्चा की गई थी.

क्षेत्रीय नेताओं ने अमित शाह और जेपी नड्डा को बताया घाटी का राजनीतिक माहौल

बीजेपी के शीर्ष नेताओं के बीच घाटी विधानसभा चुनाव को लेकर हुई हालिया बैठक में जम्मू-कश्मीर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, रवींद्र रैना, संगठन महासचिव अशोक कौल, प्रदेश के तीन महामंत्री, जितेंद्र सिंह, जुगल किशोर शर्मा और चुनाव प्रभारी जी किशन रेड्डी ने अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को घाटी के राजनीतिक माहौल से परिचित कराया.       

छोटे दलों का साध बाजी जम्मू-कश्मीर में बाजी मारेगी भाजपा?

सूत्रों की मानें तो जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी छोटे दलों से तालमेल रखते हुए निर्दलीयों को समर्थन दे सकती है. बीजेपी जम्मू में ज्यादा जोर लगाना चाहेगी. यहां वह अधिकांश सीटों पर चुनाव लड़कर जीतने की कोशिश करेगी. सूत्रों के अनुसार बीजेपी जम्मू में 12 से ज्यादा सीटों पर चुनाव खुद लड़ेगा, जबकि अन्य सीटों पर स्थानीय दलों और निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दे सकती है.

सूत्रों की मानें तो रफियाबाद, लोलाब ,करनाह, कुपवाड़ा, सोपोर, उरी, बारामूला, गुलमर्ग, गुरेज जैसी दर्जन भर सीटों पर बीजेपी अपने उम्मीदवार उतार सकती है. बीजेपी के लिए यह चुनाव इसलिए खास होने वाला है क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली दफा चुनाव हो रहा है और यह चुनाव कहीं न कहीं बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव है.

2014 में PDP के साथ बनाई थी सरकार, 2018 में टूट गया था गठबंधन   

इससे पहले 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पीडीपी के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई थी. उस दौरान 87 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 25 तो पीडीपी को 28 सीटों पर जीत मिली थी. 2018 में यह गठबंधन टूट गया था और राष्ट्रपति शासन लगा था. 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द किया गया और लद्दाख को अलग करके केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. तब सरकार ने कहा था कि जब तक घाटी में हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक विधानसभा चुनाव संभव नहीं है लेकिन हम जल्द ही विधानसभा चुनाव कराएंगे.