Bengal medics vs Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर्स और ममता सरकार के बीच लगातार चल रही टसल के बीच टीएमसी सरकार ने डॉक्टर्स को 5वें दौर के लिए निमंत्रण भेजा है. इसके जवाब में सोमवार को डॉक्टरों के एक संगठन ने कहा कि कोलकाता में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच प्रस्तावित बैठक 'पारदर्शी' होनी चाहिए.
डॉक्टरों की मांग है कि बैठक का सीधा प्रसारण किया जाए.हालांकि अभी तक ममता सरकार की तरफ से इस मांग पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.
दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एआईएफजीडीए) के अतिरिक्त महासचिव डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने कहा, "बैठक निश्चित रूप से होनी चाहिए, लेकिन पारदर्शी माहौल में. जूनियर डॉक्टरों को विश्वास में लिया जाना चाहिए, ताकि वे अपनी मांगों को ठीक से बता सकें और सरकार की प्रतिक्रिया को वीडियोग्राफी या लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से रिकॉर्ड किया जाना चाहिए."
साथ ही, डॉक्टर ने यह भी जानना चाहा कि पश्चिम बंगाल सरकार लाइव स्ट्रीमिंग से 'डर' क्यों रही है.
गोस्वामी ने कहा, "हमारी मुख्य मांग मामले में समय पर न्याय की है. हम न केवल बलात्कारी-हत्यारे के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, बल्कि उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई चाहते हैं, जिन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ करने और जांच प्रक्रिया को गुमराह करने की कोशिश की. हम कुछ डॉक्टरों के खिलाफ भी कार्रवाई चाहते हैं, जिन्होंने एक सिंडिकेट बनाया है."
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर्स 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने दावा किया है कि राज्य में चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन के कारण 23 से अधिक मौतें हुई हैं, और उनसे काम पर लौटने का आग्रह किया है.
हालांकि, इसने आरजी कर मामले की विचाराधीन प्रकृति का हवाला देते हुए उनकी लाइव स्ट्रीमिंग की मांग को बार-बार अस्वीकार कर दिया है, जिसके कारण गतिरोध पैदा हुआ है. मंगलवार को, सुप्रीम कोर्ट, जिसने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है, मामले की सुनवाई फिर से शुरू करेगा.
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