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Aditya L1: चंदा मामा के बाद अब सूरज चाचू की बारी, इसरो ने कर ली पूरी तैयारी, जानें क्या है मिशन आदित्य L1 की कहानी

What is Surya Mission Aditya L1: इसे आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा. ऐसे में हमारे लिए इस मिशन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानना बेहद जरूरी है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Aditya L1: चंदा मामा के बाद अब सूरज चाचू की बारी, इसरो ने कर ली पूरी तैयारी, जानें क्या है मिशन आदित्य L1 की कहानी

नई दिल्ली.  मून मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो अब कामयाबी की एक और कहानी लिखने जा रहा है. चांद पर तिरंगा लहरा दिया है अब सूरज को भेदने की बारी है. इसरो ने सूर्य मिशन आदित्य L1 को लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है.  

भारत अंतरिक्ष की दुनिया में सफलता के नए-नए परचम लहरा रहा है. अंतरिक्ष के इतिहास के पन्नों में अब चंद्रयान-3 के बाद सूर्य मिशन भी अपनी उपस्थिति  दर्ज कराने के लिए तैयार है. 2 सितंबर को इसरो सूर्य मिशन आदित्य एल1 को लॉन्च करेगा. इसे आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा. ऐसे में हमारे लिए इस मिशन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानना बेहद जरूरी है.

आदित्य एल 1 का अर्थ
इसरो के सूर्य मिशन का नाम तो आदित्य एल 1 है लेकिन बहुत कम लोग ही इसका अर्थ पता होगा. इसमें दो शब्द है पहला है आदित्य और दूसरा- L1. आदित्य शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है. इसका मतलब होता सूर्य. हमारे धर्म ग्रंथों में सूर्य को आदित्य कहा गया है. वहीं एल 1 में एल शब्द का अर्थ है लैगरेंज प्वाइंट वन.

आइए आदित्य L1  को और गहराई से समझने की कोशिश करते हैं.

  • लैगरेंज प्वाइंट का अर्थ होता है एक ऐसा बिंद जो किसी दो पिंड के बीच स्थिति हो वो भी अंतरिक्ष में. आदित्य L1 को लैगरेंज प्वाइंट में स्थापित किया जाएगा.
     
  • इस लैगरेंज प्वाइंट को सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण एक समान होता है. ऐसे में यहां आदित्य एल 1 स्थिर रहेगा.
     
  • इस प्वाइंट पर सूर्य ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ता है.
     
  • लैगरेंज प्वाइंट वन और पृथ्वी के बीच की दूरी 15 लाख किलोमीटर है.
     

 मिशन आदित्य L-1 की खास बातें

  • आदित्य L-1 लैगरेंज प्वाइंट वन से ही सूर्य की किरणों को अलग-अलग एंगल से जांच करेगा.
     
  • आदित्य एल 1 सौर तूफानों से जुड़ी गणनाएं भी करेगा.
     
  • इस मिशन में एचडी कैमरे लगे हुए हैं. इससे हमें सूर्य की हाई रेजोल्यूशन वाली तस्वीरों के साथ महत्वपूर्ण डाटा मिलेगा.
     
  • आदित्य एल 1 पांच सालों तक सूर्य का अध्ययन करेगा. इस दौरान वह कई तरह की महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाएगा.
     
  • आदित्य एल1 भारत का पहला सूर्य मिशन है जो सूरज का अध्ययन करेगा.
     
  • सूरज की ओर से पृथ्वी पर आने वाली तरंगों और कणों का अध्ययन सूर्य मिशन आदित्य एल1 करेगा.  
     
  • लांन्च होने के 120 दिनो में आदित्य एल1 लैगरेंज प्वाइंट वन पर पहुंच जाएगा. चंद्रयान-3 ने 41 दिनों का सफर तय किया था.
     
  • मिली जानकारी के मुताबिक सूर्य मिशन आदित्य एल 1 मिशन पर कुल 456 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं.

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