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कितने रेलवे ट्रैक पर लगा है कवच सिस्टम? आखिर कब तक होते रहेंगे बालासोर और दार्जिलिंग जैसे हादसे

Indian Railway Kavach System: ट्रेन हादसे को रोकने के लिए कवच सिस्टम बनाया गया था. इसके बावजूद भारत में ट्रेन हादसे नहीं रुक रहे हैं. इसका कारण है कि अभी कवच सिस्टम सभी रेलवे ट्रैक पर नहीं पहुंच पाया है. अभी रेलवे इस पर काम कर रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे अब तक 6 हजार किलोमीटर में कवच सिस्टम बिछाने के लिए टेंडर निकाल चुका है. सेंट्रल रेलवे बोर्ड की सीईओ और चेयरमैन ने कवच सिस्टम को लेकर जानकारी दी है.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: IDL

Indian Railway Kavach System: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 17 जून को भयानक रेल हादसा हुआ था. इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई. यह ट्रेन हादसा न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के आगे हुआ. कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी थी. पीछे से एक माल गाड़ी आकर जोरदार टक्कर मारती है. यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि एक्सप्रेस ट्रेन के दो डिब्बे पलट गए जबकि एक डिब्बा हवा में लट गया. इस हादसे को लेकर रेलवे के ऊपर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. इसी में एक सवाल रेलवे के कवच सिस्टम पर उठाया जा रहा है. क्योंकि इसी तरह के हादसे को रोकने के लिए भारतीय रेलवे ने 2022 में कवच सिस्टम को बनाया था.

ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम कवच को भारतीय रेलवे ने आरडीएसओ के साथ साझेदारी में बनाया है. जब भी ट्रेन सिग्नल तोड़कर आगे बढ़ती है तो कवच सिस्टम एक्टिव हो जाता है और यह ट्रेन के लोको पायलट को अलर्ट करके ऑटोमेटिक ब्रेक लगाता है. साथ ही अगर एक ही पटरी पर दूसरी ट्रेन आ रही है तो यह कवच सिस्टम उस ट्रेन को भी अलर्ट भेज देता है.

कब तक होते रहेंगे ऐसे बड़े ट्रेन हादसे?

कवच सिस्टम को लेकर सरकार से सवाल किए जा रहे हैं. अगर यह जल्द से जल्द सभी ट्रेनों और रूटों पर एक्टिव हो जाता है तो ट्रेन हादसों को रोका जा सकता.  2 जून 2023 ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, 13 जनवरी 2022 को बीकानेर गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी. इसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी. इस तरह के बड़े रेल हादसे कब रुकेंगे? ये सवाल वर्षों से बना हुआ है.  कवच सिस्टिम कितनी किलोमीटर के रेलवे ट्रैक पर बिछाया जा चुका है? आइए जानते हैं.

कितने किलोमीटर में बिछाया जा चुका है कवच सिस्टम?

कवच सिस्टम को लेकर सेंट्रल रेलवे बोर्ड की सीईओ और चेयरमैन जया वर्मा सिन्हा ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कवच सिस्टम को 1,500 किलोमीटर में एक्टिव किया जा चुका है. इस साल कवच सिस्टम को 3,000 किलोमीटर में लगाया जाएगा. इसी तरह से अगले साल भी 3,000 किलोमीटर पर कवच सिस्टम लगाया जाएगा.

कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसा पश्चिम बंगाल के जिस जगह पर हुआ था, वहां कवच सिस्टम अभी नहीं बिछाया गया है. जया वर्मा सिन्हा का कहना है कि इस साल पश्चिम बंगाल में भी कवच सिस्टम बिछाया जाएगा. यह सिस्टम महंगा है इसलिए इसे सावधानी के साथ चरणबद्ध तरीके से लगाया जा रहा है.

अभी तक भारतीय रेलवे 6 हजार किलोमीटर में कवच सिस्टम लगाने के लिए टेंडर जारी कर चुका है. इसमें से साउथ सेंट्रल रेलवे के 1464 और 139 ट्रेन इंजनों में कवच सिस्टम लगाया जा चुका है. रेलवे बोर्ड का कहना है कि कवच सिस्टम को तेजी के साथ लगाया जा रहा है.

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे जल्द ही कवच सिस्टम को लगाने की स्पीड बढ़ाने के लिए और भी टेंडर जारी कर सकता है.