Shivaji Statue Collapse: क्या है महाराष्ट्र का जूते मारो आंदोलन, जिस पर राज्य में मचा है घमासान?
Shivaji Statue Collapse: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति ढहने के बाद से ही राज्य में एकनाथ शिंदे पर राजनीतिक पार्टियां हमलावर हैं. महायुति सरकार की साथी एनसीपी (अजीत परवार गुट) ने मूर्ति गिरने के बाद मौन प्रदर्शन किया था. अब विपक्षी पार्टियों ने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ सरकार को घेरने के लिए चप्पल से मारो आंदोलन चलाया है. क्या है इस पूरे विवाद की जड़, आइए समझते हैं.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार इन दिनों मुश्किलों में फंस गई है. सरकार ने मुंबई में महाविकास अघाड़ी (MVA) की ओर से आयोजित प्रोटेस्ट में शामिल हो रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चप्पे-चप्पे पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया है. सिंधूदुर्ग के मालवां में 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा ढहने के बाद से ही लोग भड़के हुए हैं, इसी गुस्से को भुनाने की तैयारी में इंडिया ब्लॉक के नेता लग गए हैं. एमवीए के तीनों घटक दल, एकजुट होकर मार्च निकाल कर रहे हैं.
महाविकास अघाड़ी के दलों में एनसीपी (शरद गुट), शिवसेना (UBT) और कांग्रेस शामिल हैं. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस आंदोलन की प्रासंगिकता को लेकर सवाल उठाए हैं. विपक्ष के आंदोलन के जवाब में खुद पार्टी ने भी एक और मार्च निकालने का फैसला किया है. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में अब दो-दो मार्च एकसाथ हो रहे हैं.
मुंबई में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात
मुंबई में रैली के मद्देनजर गेटवे ऑफ इंडिया पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. इसे पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है. स्थानीय प्रशासन का तर्क है कि इससे इलाके की कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. इंडिया ब्लॉक के बड़े नेता इस रैली में शामिल हो रहे हैं. उद्धव ठाकरे, शरद पवार और नाना पटोले जैसे नेता हुतात्मा चौक से लेकर गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च करेंगे.
चप्पल मारो प्रोटेस्ट का मतलब क्या है?
विपक्ष के नेताओं ने 'जोडे मारो' प्रॉटेस्ट इसे नाम तिया है. इसका मतलब है कि चप्पल मारो. महाराष्ट्र की आन-बान और शान कहे जाने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति टूटने को लेकर जनता भी आक्रोशित है और राजनीतिक पार्टियां भी. प्रधानमंत्री खुद ही माफी मांग चुके हैं. विपक्ष का कहना है कि ऐसा हो क्यों रहा है.
शरद पवार के नेतृत्व वाले धड़े का कहना है कि भ्रष्टाचारी शिवद्रोहियों के लिए कोई माफी नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवाजी की मूर्ति का उद्घाटन ठीक 8 महीने पहले किया था लेकिन यह मूर्ति ढह गई. पुलिस ने इस मूर्ति को बनाने की सलाह देने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया है. उनके ऊपर हत्या की कोशिश जैसी धाराएं लगाई गई हैं.
बीजेपी प्रदर्शन पर उठा रही है सवाल
बीजेपी ने प्रदर्शन पर ही सवाल खड़े किए हैं. पार्टी का कहना है कि यह राजनीति से प्रेरित है और विधानसभा चुनावों के लिए किया जा रहा है. राज्य बीजेपी के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा है क्या प्रधानमंत्री की माफी काफी नहीं है. राहुल गांधी ने भी राफेल विवाद पर माफी मांगी थी. क्या एमवीए उस माफीनामे के खिलाफ भी प्रोटेस्ट करेंगे.
Also Read
- Vande Bharat Sleeper Train: LED लाइट, ज्यादा स्पेस... इंडियन रेलवे ने पेश की राजधानी से भी बेहतर ट्रेन, तस्वीरें देखीं क्या?
- बिना पैसे खर्च किए घर पर ऐसे करें Pedicure, तुरंत फटी एड़िया और टैनिंग से मिलेगा छुटकारा!
- Paris Paralympics 2024: रुबीना फ्रांसिस ने दिलाया 5वां पदक, Medal tally में किस नंबर पर है भारत?