क्या है Hizb ut Tahrir तमिलनाडु में जिसके पीछे पड़ गई है NIA?
एनआईए की टीम ने चेन्नई, त्रिची, पुदुकोट्टई, तंजावुर, इरोड और थिरुप्पुर सहित कुछ अन्य जगहों पर छापेमारी की है. यह छापेमारी एनआईए द्वारा मदुरै हिज्ब-उत-तहरीर मॉड्यूल मामले से संबंधित तमिलनाडु में कई जगहों पर तलाशी लेने के बाद 2021 में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद की गई है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आईएसआईएस से जुड़े चरमपंथी इस्लामी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर की जांच के तहत रविवार सुबह तमिलनाडु में 10 स्थानों पर छापेमारी की. सूत्रों का कहना है कि एनआईए को सूचना मिली थी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित संगठन Hizb ut Tahrir के लिए भर्ती और ट्रेनिंग की जा रही है. इस सूचना के बाद टीम ने कई जगहों पर कार्रवाई शुरू की.
एनआईए की टीम ने चेन्नई, त्रिची, पुदुकोट्टई, तंजावुर, इरोड और थिरुप्पुर सहित कुछ अन्य जगहों पर छापेमारी की है. एनआईए के अफसर अब्दुल खान के घर पर भी छापेमारी कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि अब्दुल खान ने मंदैयूर के पास एक खेत पट्टे पर लिया है. वहीं एनआईए की एक टीम तंजावुर के कुलंधई अम्माल नगर पहुंची. टीम ने यहां रहने वाले अहमद के घर पर छापेमारी की.
यह छापेमारी एनआईए द्वारा मदुरै हिज्ब-उत-तहरीर मॉड्यूल मामले से संबंधित तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर तलाशी लेने के बाद 2021 में एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद की गई है. यह मामला, शुरू में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13(1)(बी) के कई आरोपों के तहत मदुरै शहर के थिदीर नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था.
मुख्य संदिग्ध, मोहम्मद इकबाल ने कथित तौर पर अपने फेसबुक अकाउंट, 'थुंगा विझिगल रेंडू काजीमार स्ट्रीट में है' का इस्तेमाल ऐसी सामग्री पोस्ट करने के लिए किया, जो एक विशेष समुदाय को बदनाम करती थी, तथा विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच सांप्रदायिक विद्वेष को भड़काती थी.
क्या है Hizb ut Tahrir
इस्लामी कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर जिहाद के लिए युवाओं की पूरी फौज तैयार कर रहा है. पहले युवाओं को भड़काऊ तकरीरें सुनाता है. पहले युवाओं को भड़काऊ तकरीरें सुनाता है. सभी युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देता है. एटीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, हिज्ब-उत-तहरीर के गिरफ्तार सदस्य लड़कियों को लव जिहाद का शिकार भी बना रहे थे. यह संगठन हिज्ब-उत-तहरीर दुनिया के 50 देशों में फैला हुआ है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके 10 लाख से ज्यादा सदस्य हैं. यह दक्षिण एशिया में ये संगठन ज्यादा सक्रिय है. चीन और बांग्लादेश समेत कई देशों में प्रतिबंध लगा हुआ है.