क्या है आसोज अमावस्या, जिसके चलते बदल दी गई हरियाणा चुनाव की तारीख

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा बीकानेर (राजस्थान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि 2 अक्टूबर को आसोज अमावस है. इस दिन राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से बड़ी तादाद में बिश्नोई समाज के लोग गुरु जम्बेश्वर की याद में राजस्थान में उनके पैतृक गांव मुकाम आते हैं. ऐसे में हरियाणा के हजारों बिश्नोई परिवार  मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह जाएंगे.

@ArunAj031727
India Daily Live

Haryana Assembly Elections: चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख बदल दी है. अब हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 1 अक्टूबर की बजाए 5 अक्टूबर को चुनाव होगा. वहीं चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे. इससे पहले चुनाव आयोग ने हरियाणा में 1 अक्टूबर को चुनाव कराने और 4 अक्टूबर को नतीजे जारी करने की घोषणा की थी.

आसोज अमावस्या के चलते बदली तारीख
चुनाव आयोग ने आसोज अमावस्या के चलते चुनाव की तारीखों में बदलाव किया है. आसोज अमावस्या बिश्नोई समाज का प्रमुख त्योहार है. अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा बीकानेर (राजस्थान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि 2 अक्टूबर को आसोज अमावस है. इस दिन राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से बड़ी तादाद में बिश्नोई समाज के लोग गुरु जम्बेश्वर की याद में राजस्थान में उनके पैतृक गांव मुकाम आते हैं. ऐसे में हरियाणा के हजारों बिश्नोई परिवार  मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह जाएंगे.

क्या है आसोज अमावस्या
आसोज अमावस बिश्नोई समाज का एक प्रमुख त्योहार है. यह त्योहार बिश्नोई समाज के संस्थापक गुरु जम्बेश्वर की याद में मनाया जाता है. राजस्थान के बीकानेर के मुकाम नामक गांव में जिस जगह गुरु जम्बेश्वर ने समाधि ली थी उस जगह को अब मुक्ति धाम कहा जाता है. बिश्नोई समाज में यह धारणा है कि मुक्ति धाम में निष्काम भाव से सेवा करने वालों को मोक्ष प्राप्त हो जाता है. मुकाम मंदिर में हर साल दो मेले लगते हैं. पहला मेला फाल्हुन अमावस्या पर और दूसरा आसोज अमावस के दिन.