Chandigarh Mayor Polls: चंडीगढ़ मेयर को लेकर चल रही रस्सा-कस्सी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ खत्म हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने पहले परिणाम को खारिज कर दिया और मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन में आप और कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार को विजेता घोषित किया. कुलदीप कुमार चंडीगढ़ के नए मेयर बन गए हैं. SC ने चुनाव मे धांधली को लेकर रिटर्निंग अधिकारी से सवाल पूछे.
सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत फैसला सुनाया. अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव के फैसले को पलट दिया. आइए जानते हैं कि अनुच्छेद 142 की असाधारण ताकत क्या है.
अनुच्छेद 142 संविधान का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस प्रावधान के तहत सुप्रीम कोर्ट को लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय करने के लिए आवश्यक कोई भी आदेश पारित करने का अधिकार देता है. यह शक्ति विवेकाधीन है, जो न्यायालय को कानून की सख्त व्याख्या से परे जाने और विवादों को सुलझाने के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करने की अनुमति देती है. यह उन स्थितियों में उपयोगी है जहां कानून में कोई उचित उपाय नहीं है. अनुच्छेद 142 सर्वोच्च न्यायालय को पक्षों के बीच 'पूर्ण न्याय' करने की एक अद्वितीय शक्ति प्रदान करता है. इस अनुच्छेद का उपयोग कर न्यायालय किसी विवाद को समाप्त करने के लिए अपने अधिकार का प्रयोग कर सकता है. फैसला तथ्यों के आधार पर दिया जाता है, लेकिन इसकी शक्ति असीमित या मनमानी नहीं है.
अनुच्छेद 142 एक महत्वपूर्ण शक्ति है जोकि सुप्रीम कोर्ट को सभी नागरिकों को न्याय प्रदान करने में मदद करती है. इसे ब्रिटिश अदालतों द्वारा भारत में लागू किया गया था. इसे 27 मई 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था.
गौरतलब है कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह ने AAP-कांग्रेस गठबंधन को मिले 8 वोटों को अवैध घोषित कर दिया था. इसके बाद इस पूरे मामले में बैलेट पेपर के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगे थे. मेयर चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को 16 वोट तो वहीं आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी को 12 वोट मिले थे.