घने जंगल, मुश्किल हालात... जानें कौन होते हैं पैरा कमांडो, जो आतंकियों को देंगे मुंहतोड़ जवाब

जम्मू के कठुआ में सोमवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए. वहीं करीब 6 जवान घायल हैं जिन्हें पंजाब के पठानकोट के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कल से आज तक पूरे इलाके में सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है, सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है. घने जंगलों के कारण अब यहां पैरा कमांडो को उतारा गया है जो आतंकियों की तलाश कर रही है.

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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकियों ने सेना के जवानों पर हमला कर दिया जहां सेना के 5 जवान शहीद हो गए वहीं करीब छह जवान घायल हैं जिसका इलाज पंजाब के पठानकोट के सैनिक अस्पताल में किया जा रहा है. दरअसल यह घटना सोमवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई, जब सेना के ये सभी जवान रूटीन पेट्रोलिंग पर तैनात थे. इस दौरान आतंकियों ने इस कायराना आतंकी हमले को अंजाम दिया है. मिली जानकारी के मुताबिक सेना जवान के रूटीन पेट्रोलिंग के दौरान आतंकी ने सेना की गाड़ी पर ग्रेनेड फेंका उसके बाद अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. जब सेना ने जवाबी फायरिंग की तो सभी आतंकवादी पास के जंगल में भाग गए.

सीनियर अधिकारियों के अनुसार, इन आतंकियों का मकसद अधिक से अधिक सेना के जवानों को हताहत करने की थी जिसके लिए सभी आतंकी अपने साथ अत्याधुनिक हथियार लेकर आया था. कल से आज तक इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

पैरा कमांडो देंगे आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब

सेना की शहादत का बदला लेने के लिए अब यहा पैरा कमांडो का एक जत्था उताया जा रहा है जो आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देंगे. पैरा कमांडो को कठुआ के दूरदराज के माचेडी-मल्हार क्षेत्र में हवाई मार्ग से उतारा गया है. उन्हें काउंटर ऑपरेशन में तैनात किया गया है. ताकि उन आतंकवादियों के खिलाफ समय पर प्रभावी काउंटर ऑपरेशन सुनिश्चित किया जा सके. सूत्रों के अनुसार इस घटना में आतंकवादियों का एक बहुत बड़ा ग्रुप शामिल है.

कैसे काम करते हैं पैरा कमांडो?

पैरा कमांडो का काम देश के दुश्मनों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देना, उन्हें बंधक बनाना, आतंकवाद विरोधी अभियान, गैर परंपरागत हमले, विशेष टोही मुहिम , विदेश में आंतरिक सुरक्षा, विद्रोह को कुचलने और दुश्मन को खोज कर तबाह करने जैसे सबसे मुश्किल काम इन कमांडो के पास होते हैं.