तो अब महाराष्ट्र का होगा बल्ले-बल्ले, केंद्र से मिलेगा इतना सपोर्ट...मुंह देखेंगे बाकी राज्य?
राजनीतिक विश्लेषक की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने आम चुनावों में लगातार तीसरी बार वापसी की थी लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के गठबंधन ने जिस तरह से बीजेपी को अकेले बहुमत तक पहुंचने से रोका था, उसके बाद ये कयास लगाया जाने लगा था कि अब बीजेपी की हार निश्चित है, नहीं कल के परिणाम ने सबको चौंका दिया. हरियाणा के बाद अब महाराष्ट्र में जबदस्त सीट जीत कर बीजेपी ने साबित कर दिया है कि ये सिर्फ कयास थे.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति के चेहरे पर चुनाव लड़ रही बीजेपी नेतृत्व के एनडीए गठबंधन ने ना सिर्फ बहुमत हासिल किया, बल्कि राज्य में अभी तक की सबसे बड़ी जीत भी दर्ज की है.वहीं, झारखंड में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही झारखंड मुक्ति मोर्चा पहले से अधिक सीटों पर अपना कब्जा जमा चुकी है, इसी के साथ हेमंत सोरेन अपनी सरकार बचाने में कामयाब हो गए हैं.
दरअसल इस साल मई में हुए लोकसभा चुनाव के बाद ये सबसे बड़े राज्य का चुनाव था, जबकि नजरें महाराष्ट्र पर बनी थी. जहां आम चुनाव में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना( उद्धव ठाकरे) गुट के महाविकास गठबंधन ने बड़ी जीत हासिल कर बीजेपी गठबंधन की सत्ता में वापसी पर सवाल खड़े कर हो गए थे लेकिन कल यानी 23 नवंबर को आए नतीजों ने सभी को चौंका दिया है.
महाराष्ट्र में महायुति का डंका
इसके अलावा यहां के नतीजों ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे मंझे हुए नेताओं के राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल खड़ा कर दिया है. राजनीतिक विश्लेषक की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने आम चुनावों में लगातार तीसरी बार वापसी की थी लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के गठबंधन ने जिस तरह से बीजेपी को अकेले बहुमत तक पहुंचने से रोका था, उसके बाद ये कयास लगाया जाने लगा था कि अब बीजेपी की हार निश्चित है, नहीं कल के परिणाम ने सबको चौंका दिया. हरियाणा के बाद अब महाराष्ट्र में जबदस्त सीट जीत कर बीजेपी ने साबित कर दिया है कि ये सिर्फ कयास थे.
महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत का देश पर असर
वहीं अब कयास लगाए जा रहे हैं कि इस शानदार जीत का देश की राजनीति पर गहरा असर पड़ सकता है. जैसे सबसे पहले, बीजेपी की महाराष्ट्र में जीत से पार्टी को राजनीतिक मजबूती मिलेगी. महाराष्ट्र भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है, और यहां की जीत बीजेपी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा संदेश हो सकता है. इससे बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को भी और अधिक समर्थन मिल सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र में बीजेपी का प्रभाव अन्य राज्यों में भी बढ़ेगा.
कांग्रेस और शिवसेना जैसे दलों के लिए यह एक बड़ा झटका
दूसरे, इस जीत से बीजेपी के विपक्षी दलों के लिए एक चुनौती बन गई है. खासतौर पर कांग्रेस और शिवसेना जैसे दलों के लिए यह एक बड़ा झटका लगा है. विपक्ष को इस हार से अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की जरूरत होगी, और अब वे बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के लिए नए तरीके तलाश सकते हैं. यह विपक्ष के भीतर भी नई दिशा तय करने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है.
राष्ट्रीय राजनीति दूरगामी प्रभाव
तीसरे, महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी का बढ़ता प्रभाव राष्ट्रीय राजनीति में भी परिवर्तन ला सकता है. इसके अलावा केंद्र सरकार को राज्यों से सहयोग मिलने की संभावना बढ़ सकती है, जिससे केंद्र-राज्य रिश्तों में सुधार हो सकता है. साथ ही, बीजेपी की राज्य सरकार के फैसले और योजनाओं का उदाहरण अन्य राज्यों में भी देखा जा सकता है, जिससे पार्टी को और मजबूत राजनीतिक स्थिति मिल सकती है.
किसे कितनी सीट मिली?
इन सब के अलावा बीजेपी की जीत से केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पार्टी की स्थिति और भी मजबूत हो सकती है, इस प्रकार, महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत का देश की राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. बता दें कि महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर महायुति ने 230 सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसमें भाजपा ने 132, शिवसेना(शिंदे) को 57 और एनसीपी(अजित गुट ) को 41 सीटों पर जीत मिली है.
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