New Criminal Law Bill: एक जुलाई से देश में काफी कुछ बदलने जा रहा है, खासकर आपराधिक न्याय तंत्र में. भारत में आज से साल 1860 में बनी आईपीसी की जगह भारतीय न्यास संहिता, 1898 में बनी सीआरपीसी के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और साल 1872 के इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लेगा. इन नए नियम कानूनों के बाद कई नियम-कानून पूरी तरह से बदल जाएंगे. नए कानून के लागू होने के बाद आम आदमी, वकील, पुलिस और अदालत के कामकाज में बड़ा बदलाव आएगा. नए कानूनों को बेहतर तरीके से समझने के लिए इंडिया डेली लाइव ने सुप्रीम कोर्ट के वकील ए पी सिंह से बात की. उन्होंने नए भारतीय कानूनों को लेकर अपनी राय रखी. एपी सिंह ने कहा कि पुराने कानून अंग्रेजों की दासता की याद दिलाते थे, उनसे छुटाकारा जरूरी थी. अंग्रेजों ने कानून का निर्माण दंड देने के लिए किया था, बल्कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति में न्यायतंत्र की बात कही गई है.