Pahalgam all-party meeting: केंद्र सरकार ने गुरुवार को पहलगाम में हुए हमले को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों के नेता मौजूद रहे. विपक्षी नेताओं ने कहा कि उनका सरकार को पूरा समर्थन है. सरकार जो कदम उठाएगी वह उसका समर्थन करेंगे.
लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा, "सभी पार्टियों ने पहलगाम में हुए हमले की निंदा की. विपक्ष ने सरकार को एक्शन लेने के लिए अपना पूरा सपोर्ट दिया है. सरकार जो एक्शन लेगी हम उसके साथ खड़े हैं."
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा, "सभी विपक्षी दलों ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है. हमने सरकार से कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाए."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने भी सर्वदलीय बैठक में भाग लिया. इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की.
सुरक्षा चूक पर भी हुई चर्चा
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि बैठक में सुरक्षा चूक को लेकर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा, "सुरक्षा चूक को लेकर भी चर्चा हुई. हमने सरकार को ये आश्वासन दिया है कि सभी राजनीतिक दल आपके साथ है. आप देशहित में जो भी फैसला लेंगे हम आपके साथ खड़ें हैं."
आप नेता संजय सिंह ने कहा कि इस हमले की जवाबदेही तय की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "देश गुस्से और दुख में है. जनता चाहती है कि आतंकियों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जाए. उनके ठिकानों को खत्म किया जाए और पाकिस्तान पर भी कार्रवाई हो. साथ ही यह भी जरूरी है कि सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान हो और उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए."
रक्षा मंत्री ने दी जानकारी
बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. उन्होंने सभी दलों को सरकार द्वारा अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी दी. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद रहे.
किरेन रिजिजू ने कहा कि रक्षा मंत्री ने घटना की पूरी जानकारी सभी नेताओं को दी और बताया कि सरकार इस हमले को लेकर कितनी गंभीर है.
हमले के बाद भारत की सख्त कार्रवाई
पहलगाम हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे. इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं.
बुधवार को भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया और 27 अप्रैल से पाकिस्तानियों के वीजा भी रद्द कर दिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले पर कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भारत आतंकियों और उनके समर्थकों को बख्शेगा नहीं.