मॉरीशस की दो दिवसी यात्रा पर रवाना होने से पहले क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने मॉरीशस को भारत का करीबी समुद्री पड़ोसी बताया और कहा, "हिंद महासागर में मॉरीशस न केवल हमारा महत्वपूर्ण साझेदार है, बल्कि अफ्रीकी महाद्वीप के लिए एक प्रवेश द्वार भी है. हमारा रिश्ता इतिहास, भूगोल और संस्कृति की गहरी जड़ों से जुड़ा है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले सोमवार को कहा कि यह दौरा भारत और मॉरीशस के बीच के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और दोनों देशों के लिए एक नया, सकारात्मक अध्याय शुरू करेगा. यह यात्रा 11 और 12 मार्च को होगी, जिसमें वह मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के निमंत्रण पर शामिल होंगे. इस दौरान वह मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे, जो हर साल 12 मार्च को मनाया जाता है.
अपने प्रस्थान से पहले दिए गए बयान में पीएम मोदी ने कहा, "मैं अपने 'सागर' विजन के तहत मॉरीशस के नेतृत्व के साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हूं. यह विजन 'क्षेत्र में सबके लिए सुरक्षा और विकास' (सेक्युरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) पर आधारित है. हमारा लक्ष्य हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देना है, साथ ही दोनों देशों की साझेदारी को हर क्षेत्र में मजबूत करना है." इस यात्रा के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी, भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत और वायु सेना की 'आकाश गंगा' स्काईडाइविंग टीम भी राष्ट्रीय दिवस समारोह में हिस्सा लेगी.
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जुड़ाव पर जोर
पीएम मोदी ने मॉरीशस को भारत का करीबी समुद्री पड़ोसी बताया और कहा, "हिंद महासागर में मॉरीशस न केवल हमारा महत्वपूर्ण साझेदार है, बल्कि अफ्रीकी महाद्वीप के लिए एक प्रवेश द्वार भी है. हमारा रिश्ता इतिहास, भूगोल और संस्कृति की गहरी जड़ों से जुड़ा है." उन्होंने दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास, लोकतांत्रिक मूल्यों में साझा आस्था और विविधता को अपनी ताकत बताया.
उन्होंने आगे कहा, "दोनों देशों के लोगों के बीच गहरा और ऐतिहासिक जुड़ाव हम सभी के लिए गर्व की बात है. पिछले एक दशक में हमने जन-केंद्रित पहलों के जरिए अपने संबंधों को नई मजबूती दी है. मुझे पूरा भरोसा है कि यह यात्रा बीते समय की नींव पर आधारित होगी और भारत-मॉरीशस संबंधों में एक नया, उज्ज्वल दौर शुरू करेगी."
व्यापार और निवेश में अहम साझेदार
भारत और मॉरीशस के बीच व्यापारिक रिश्ते भी काफी मजबूत हैं. भारत मॉरीशस का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में मॉरीशस सिंगापुर के बाद भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत रहा. दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग लगातार बढ़ रहा है, जो इस यात्रा के दौरान और मजबूत होने की उम्मीद है.
यात्रा का महत्व
मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस ब्रिटिश शासन से 12 मार्च, 1968 को मिली आजादी की याद में मनाया जाता है. पीएम मोदी की यह यात्रा न केवल दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा, विकास और आपसी सहयोग के नए अवसर भी खोलेगी. यह दौरा भारत के हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव और मॉरीशस के साथ गहरे संबंधों का प्रतीक है.