राजस्थान की अजमेर स्थित ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका पर अदालत सुनवाई के लिए तैयार है. इसको लेकर अब भीम आर्मी चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर काफी भड़क गए हैं. अब उन्होंने कहा कि ये देश को नफरत की आग में झोंकने का षड़यंत्र है. सोशल मीडिया एक्स पर नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने पोस्ट करते हुए कहा, अजमेर दरगाह के बहाने जरूरी मुद्दों से ध्यान भटका कर देश को नफरत की आग में झोंकने का एक नया षड्यंत्र तैयार हो चुका है.
नगीना के सांसद ने आगे कहा, 'आखिर ये नफरती ताकतें देश के माहौल में जहर घोलने से बाज क्यों नहीं आ रही? जबकि सिर्फ मुस्लिम समाज नहीं बल्कि हिन्दू, सिख समाज भी सूफ़ी मोइनुद्दीन चिश्ती ख्वाजा गरीब नवाज जी की दरगाह पर आस्था रखते हैं. आजाद समाज पार्टी (का) माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध करती है कि इस तरह के मामलों में दखल देकर न सिर्फ 1991 के पूजा स्थल कानून की हिफाजत करें बल्कि उसे अमल में भी लाने का आदेश पारित करें. ताकि संभल जैसी देश को शर्मसार करने वाली घटनाओं से बचा जा सके.
अजमेर दरगाह के बहाने जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाकर देश को नफरत की आग में झोंकने का एक नया षड्यंत्र तैयार हो चुका है।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) November 28, 2024
जबकि 1991 का पूजा स्थल का क़ानून साफ़ कहता है 15 अगस्त 1947 को अस्तित्व में आए किसी भी धार्मिक स्थल का स्वरूप नहीं बदला जा सकता, न कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई…
आजाद समाज पार्टी (का) हर कदम पर आपके साथ खड़ी है, कोर्ट, सड़क, संसद जहां भी जरूरी होगा लड़ेंगे, बस इतना ध्यान रखें सूझबूझ और संयम से काम लेना है ताकि इनके मंसूबे कामयाब न होने पाएं. यकीन मानिए ‘जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे, किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी हैं.
दरअसल हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दायर की थी. इस याचिका पर निचली अदालत ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिया है और अब 20 दिसंबर को इस पर अगली सुनवाई होगी.