88 साल का रिकॉर्ड टूटा, भारी बारिश से कैसे बचेगी दिल्ली? 10 प्वाइंट में जानिए अब क्या होगा
मानसून की पहली बारिश ने ही दिल्ली का हाल बेहाल कर दिया. सड़कें दरिया बन गईं. रफ्तार भरने के बजाय गाड़ियां सड़कों पर भरे पानी में तैरती हुई दिखीं. मानसून में कमोवेश हर बार ही दिल्लीवासियों को इस स्थिति से गुजरना पड़ता है. तमाम आलोचनाओं के बाद भी दिल्ली सरकार दिल्ली के वॉटर ड्रेनेज सिस्टम को ठीक नहीं कर पा रही है. आज एक बार फिर जमजमाव की समस्या से निपटने के लिए कुछ फैसले लिए गए हैं.
Delhi Waterlogging: राजधानी दिल्ली में पिछले 24 घंटे में हुई भारी बारिश ने 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. 24 घंटे के अंदर दिल्ली में 228.1 मिलीमीटर बारिश हुई. 1936 के बाद यह पहली बार है जब जून में इतनी बारिश हुई है. भारी बारिश से लोगों को भीषण गर्मी से तो निजात मिली लेकिन दिल्ली की सड़कों पर भरे पानी की वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और यह बारिश अब दिल्लीवासियों के लिए आफत की बारिश बन गई है.
जलभराव के कारण दिल्ली की जिस सड़क पर नजर दौड़ाओ वहां जाम लगा पड़ा है, गाड़िया पानी में डूब चुकी हैं. मात्र एक दिन की बारिश ने दिल्ली में सरकारी इंतजामों की पोल खोलकर रख दी है. घटिया ड्रेनेज सिस्टम के कारण दिल्ली सरकार को मलामत झेलनी पड़ रही है. आलम ये है कि दिल्ली सरकार को जलभराव की समस्या का समाधान तलाशने के लिए लिए आपात बैठक बुलानी पड़ी है. इस बैठक में दिल्ली में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कई फैसले लिए गए.
1. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने बताया कि सभी जल संबंधित विभागों जैसे DJB, MCD और I&FC का एक combined Emergency Control Room तैयार होगा, जो 24 घंटे जलजमाव पर नजर रखेगा और एक्शन लेगा.
6. ट्रैफिक पुलिस, विधायकों और पार्षदों से जलभराव वाली जगहों की लिस्ट मांगी गई है.
7. आतिशी ने बताया कि PWD की सीसीटीवी निगरानी के माध्यम से जलभराव के 200 हॉटस्पॉट की पहचान की गई है.
8. दिल्ली में भारी जलजमाव की स्थिति को देखते हुए एलजी वीके सक्सेना ने शुक्रवार को एक आपात बैठक बुलाई. एलजी ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों की छुट्टियां रद्द करते हुए उन्हें तुरंत ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया है.
9. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने चौबीसों घंटे आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित करने, नालों गाद निकालने का काम एक सप्ताह में पूरा करने का आदेश दिया है.
10. एलजी ने कहा कि नालों के किनारे का मलबा तुरंत हटाया जाए. खुली नालियों में पानी के मुक्त प्रवाह में आने वाली सभी प्रकार की रुकावटों को दूर किया जाए