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क्या है वो 13850 करोड़ का PNB फ्रॉड जिसके लिए मेहुल चोकसी को किया गया गिरफ्तार?

Mehul Choksi Cases: मेहुल चोकसी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन पर क्या-क्या आरोप लगे हैं, आइए जानते हैं विस्तार से.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Mehul Choksi Cases

Mehul Choksi Cases: मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया है. 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक लोन फ्रॉड केस में इसे गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर बेल्जियम ने यह कदम उठाया है. खबरों के अनुसार, चोकसी के पास बेल्जियम में एफ रेजीडेंसी कार्ड था. यह कार्ड हासिल करने के बाद वह अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ एंटवर्प में रह रहा था. 

फरवरी में, उसके वकील ने मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट को बताया कि चोकसी का बेल्जियम में कैंसर का इलाज चल रहा है. फिर उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस वापस लेने के बाद, ईडी और सीबीआई समेत भारतीय एजेंसियों ने बेल्जियम से मेहुल चोकसी को प्रत्यर्पित करने की कोशिश की. 

इंटरपोल के रेड नोटिस से हटने के बाद क्या होता?

चोकसी को दिसंबर 2018 में इंटरपोल की रेड नोटिस लिस्ट में जोड़ा गया था और इसके नाम को हटाने का मतलब था कि वह भारत को छोड़कर दुनिया में कहीं भी बिना किसी रोक टोक के यात्रा कर सकता था. इसके बाद चोकसी ने मेडिकल बेसिस का हवाला देते हुए एक लोकप्रिय कैंसर अस्पताल में इलाज के लिए स्विट्जरलैंड जाने का प्लान बना रहा था.

मेहुल चोकसी के खिलाफ क्या है मामला: 

चोकसी को केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी दोनों की तरफ से कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. फिर सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की शिकायत के बाद 2018 में चोकसी और गीतांजलि जेम्स समेत उसकी कंपनियों पर पहली बार कार्रवाई की थी. इस शिकायत में चोकसी पर आरोप लगाया गया कि उसने स्कैम वाले लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का इस्तेमाल किया है. इसके चलते बैंक को काफी नुकसान हुआ है. 

फिर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की चार्जशीट दायर की. इसमें दावा किया गया था कि चोकसी और अन्य ने अवैध रूप से अवैध पैसा विदेशी अकाउंट में डाला था. चोकसी पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत मुकदमा भी चलाया जा रहा है. साथ ही इंडियन पीनल कोड और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत क्रिमिनल कांस्पीरेसी और फ्रॉड का मामला भी चल रहा है. बता दें कि चोकसी पर बैंक से 13,850 करोड़ रुपये से ज्यादा का फ्रॉड करने का आरोप लगा है.

कई लोगों की गवाही और सबूतों पर आधारित है मामला:

सीबीआई और ईडी की तरफ से जो मामला दर्ज किया गया था ये उन गवाहियों और डॉक्यूमेंट्स पर आधारित है जो कुछ अहम लोगों ने दिए थे जिनमें गीतांजलि ग्रुप के बैंकिंग हेड विपुल चितालिया, ग्रुप की फाइनेंस टीम के सदस्य रहे दिवंगत दीपक कुलकर्णी और पीएनबी के पूर्व चीफ मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी शामिल हैं. इनके बयानों और सबूतों की मदद से जांच एजेंसियों को यह समझने में बेहद आसानी हुई कि यह साजिश छोटी नहीं बल्कि कितनी बड़ी थी. इस मामले में यह साफ तौर पर बताया गया है कि बैंक को धोखा देने के लिए किस तरह से पहले से योजना बनाई गई. इसके बाद पैसे को कई स्तरों पर निकालकर लूटा गया.

उनके भतीजे नीरव मोदी के खिलाफ भी इसी तरह का मामला दर्ज था. इसमें दोनों पर पीएनबी कर्मचारियों के साथ मिलकर फ्रॉड करने का आरोप लगाया गया था. सिर्फ इतना ही नहीं, पिछले दिसंबर में, सीबीआई ने एक और जांच की. इस जांच में चोकसी पर लेटेस्ट फ्रॉड में लोन अमाउंट को डायवर्ट करके 6,700 करोड़ रुपये से ज्यादा के फ्रॉड का आरोप लगा है.