Maharashtra Cyber Recovers Rs 90 Lakhs: महाराष्ट्र स्टेट साइबर डिपार्टमेंट ने व्हेल फिशिंग स्कैम के जरिए 90 लाख रुपये फ्रीज किए हैं जो भिवंडी में एक ट्रैवल एजेंसी से चुराए गए थे. साइबर क्रिमिनल्स ने खुद को एक एजेंसी का मालिक बताया था. स्कैमर्स ने ट्रैवल एजेंसी के अकाउंटेंट को व्हाट्सएप के जरिए रकम ट्रांसफर करने के लिए धोखा दिया. स्कैमर्स ने अकाउंटेंट से एक अननोन नंबर के जरिए कॉन्टैक्ट किया और दावा किया कि यह मालिक का नंबर है.
कॉल करने के बाद उसने एक बिजनेस प्रोजेक्ट के लिए इंस्टैंट पेमेंट करने का दवाब बनाया. अकाउंटेंट ने इसे एक रियल बातचीत मान ली और उसे पूरी रकम ट्रांसफर कर दी. स्कैम का पता तब चला जब कंपनी को पता चला कि मालिक ने ऐसी कोई रिक्वेस्ट नहीं की थी.
घटना की सूचना राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर दी गई. महाराष्ट्र साइबर सेल ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ बातचीत कर लेनदेन को ब्लॉक किया जिससे पैसे स्कैमर्स तक न पहुंच पाएं. व्यक्ति को रकम वापस करने का प्रोसेस चल रहा है. पिछले 48 घंटों में, महाराष्ट्र साइबर सेल ने साइबर स्कैम के पांच मामलों को सुलझाया है, जिसमें स्कैम किए गए 1.475 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए हैं.
डिपार्टमेंट ने महाराष्ट्र साइबर सेल सिक्योरिटी को पुख्ता किया है जिसमें नवी मुंबई में 24x7 कमांड और कंट्रोल सेंटर शामिल हैं. इसमें 100 से ज्यादा साइबर एनलिस्ट हैं. साइबर स्कैम की रिपोर्ट करने के लिए दो साइबर हेल्पलाइन 1930 और 1945 की मदद ली जा सकती है. अधिकारियों ने लोगों से वित्तीय लेन-देन करने से पहले सोर्सेज की पुष्टि करने और हेल्पलाइन या नेशनल साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के जरिए तुरंत साइबर स्कैम की रिपोर्ट करने का आग्रह किया है.