निपाह वायरस और कोरोना जैसी कई बीमारियों से लगातार जूझने वाले केरल में अब एक वेस्ट नाइल फीवर (West Nile Fever) के मामले सामने आने से हड़कंप मच गया है. कोझिकोड़, मलप्पुरम और त्रिशूर में 10 लोगों के संक्रमित होने और दो लोगों की मौत के बाद केरल के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. लोगों से अपील की गई है कि अगर किसी में भी इसके लक्षण दिखें तो तुरंत इसका इलाज करवाएं.
पिछले हफ्ते स्वास्थ्य विभाग की एक हाई लेवल मीटिंग के बाद केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने मॉनसून से पहले साफ-सफाई की गतिविधियां तेज करने को कहा है. सभी जिलों के मेडिकल ऑफिसर्स को कहा गया है कि वे सफाई अभियान तेज करें. इसके अलावा, स्थानीय निकायों के साथ बेहतर संयोजन करके काम करते हुए सफाई करने को कहा गया है. लगातार मामले सामने आने के बाद जिला वेक्टर कंट्रोल यूनिट ने कई जगहों से सैंपल इकट्ठा किए हैं और उन्हें जांच के लिए भेजा गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि 2011 से ही वेस्ट नाइल फीवर के मामले केरल में देखे जा रहे हैं इसलिए घबराने की बात नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री ने अपील की है कि बुखार या कोई अन्य लक्षण दिखने पर लोग तुरंत इसका इलाज करवाएं.
यह बीमारी मुख्य रूप से वयस्कों को होती है. मच्छरों के काटने से फैलने वाली यह बीमारी सबसे पहले साल 1937 में युगांडा में सामने आई थी. मच्छरों के काटने से फैलने वाले इस वायरस से बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द और थकान जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. भारत में साल 2011 में केरल के अलप्पुझा में ही इसके मामले सबसे पहले सामने आए.
In the wake of West Nile fever reported in three districts, Kerala Health Department issued alert. West Nile Fever has been reported in Malappuram, Kozhikode and Thrissur districts.
— ANI (@ANI) May 8, 2024
In a high-level meeting of the health department held last week, State Health Minister…
आम तौर पर इस वायरस से संक्रमित लोगों में कोई विशेष लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं. हालांकि, स्थिति गंभीर होने पर न्योरोलॉजिकल नुकसान पहुंचता है और कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है. सामान्य तौर पर बुखार, बदर दर्द, सिरदर्द, शरीर में थकान और भारीपन और भूलने जैसी समस्याएं सामने आती हैं.
यह वायरस मुख्य रूप से मच्छरों के काटने से ही फैलता है, ऐसे में बचाव का सबसे बेहतर तरीका मच्छरों से दूरी ही है. मच्छरों के काटने से बचने के लिए कपड़े पहनना, मच्छरदानी का इस्तेमाल करना और घर के आसपास सफाई रखना ही सबसे बेहतर उपाय है. साथ ही, यह भी ध्यान दें कि कहीं पर भी गंदा पानी इकट्ठा न हो जिसमें कि मच्छर पैदा होने की आशंका हो.