पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर धार्मिक जुलूस के दौरान जमकर हिंसा हुई है. अब इस हिंसा ने सियासी रंग ले लिया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी की वजह से मुर्शिदाबाद में दंगे भड़के हैं. रामनवमी पर धार्मिक जुलूस निकालने के दौरान ही पथराव हुआ, जिसके बाद हिंसा भड़क गई. पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष ने मांग की है कि इस केस की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) करे.
शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है, 'राम नवमी के दौरान निकाले गए धार्मिक जुलूस पर पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर हमले हुए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण की वजह से उपद्रवी हमलावर हुए. उन्हें यह भरोसा दिया गया था कि उनके खिलाफ कानूनी एजेंसियां एक्शन नहीं लेंगी. कानून के हाथ मुख्यमंत्री के भाषणों की वजह से बंधे हुए हैं. रामनवमी को ही उन्होंने दंगे वाला दिन कहा था.'
ममता बनर्जी ने बुधवार की रैली में एक विवादित बयान भी दिया था. उन्होंने रामनवमी के दिन दंगे की आशंका जता दी थी. ममता बनर्जी ने भातीय जनता पार्टी का जिक्र करते हुए कहा था, 'अगर आप उन्हें 17 अप्रैल को नारेबाजी करते हुए देखते हैं, तो यह उनके दंगे का दिन है. रामनवमी पर दंगा होगा.'
अगर DIG हटाए तो होंगे दंगे-EC होगा जिम्मेदार, जब ममता ने दी थी धमकी
यह पहली बार नहीं है जब ममता ने ऐसे बयान दिए हैं. जब चुनाव आयोग ने मुर्शिदाबाद के DIG का ट्रांसफर किया था उन्होंने कहा था कि अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी के इशारे पर चुनाव आयोग ने मुर्शिदाबाद के डीआईजी का तबादला किया है.
दंगे की NIA जांच चाहते हैं शुभेंदु अधिकारी
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, 'मैं राज्यपाल सीवी आनंद बोस को चिट्ठी लिखी है. रामनवमी के धार्मिक जुलूस के दौरान हिंसा हुई. इसमें तत्काल आपके दखल की जरूरत है कानून व्यवस्था ध्वस्त हो रही है. ऐसे मामलों की जांच के लिए आप NIA जांच की शिफारिश कीजिए.' शुभेंदु अधिकारी ने चुनाव आयोग से अपील की है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ आयोग एक्शन ले, जिनके भड़काऊ भाषण की वजह से पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक झड़प हुआ है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दंगे में कम से कम 18 लोग घायल हुए हैं. इस हमले में कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं हैं, जिनका इलाज मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में चल रहा है.
The Ram Navami Processions were disrupted and attacked at various places across the State of West Bengal, due to the CM's provocative speech which successfully incited miscreants, who were assured that the Law enforcement Agency won't act against them as their hands have been… pic.twitter.com/HXwJvP4Pdx
— Suvendu Adhikari (Modi Ka Parivar) (@SuvenduWB) April 18, 2024
पश्चिम बंगाल के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शक्तिपुर रामनवमी उत्सव उज्जापन कमेटी के जुलूस पर पथराव हुआ है. जैसे ही जुलूस शक्तिपुर हाई स्कूल के पास से गुजरा, छतों से लोगों ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर ही दंगे भड़के हैं. बीजेपी ने कहा कि ममता बनर्जी ने ऐसा भड़काऊ बयान दिया था, जिसकी वजह से राम भक्तों पर पथराव हुआ. मिदनापुर में भी रामभक्तों को निशाना बनाया गया.
A massive explosion rocked the residence of BJP workers in Jitendra Tiwari's district while they were illegally manufacturing bombs.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) April 18, 2024
This comes shortly after Jitendra Tiwari's secret meeting with the NIA. And a day before first phase of elections.
What more proof does the…
ममता ने किया था आगाह, फिर कैसे भड़के दंगे?
पश्चिम बंगाल का हिंसक अतीत रहा है. ऐसा कभी नहीं हुआ जब धार्मिक जुलूस शांति से निकले हों और उन पर पथराव नहीं हुआ हो. पश्चिम बंगाल का सामाजिक सद्भाव हमेशा से शक के दायरे में रहा है. ममता बनर्जी खुलकर कहती हैं मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है, बीजेपी कहती है कि हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहा है. ममता बनर्जी ने कहा था रामनवमी पर दंगे भड़केंगे. जुलूस निकली और मस्जिद वाले इलाके में छतों से लोगों ने पथराव किया. मुर्शिदाबाद की कानून व्यवस्था पर अब सवाल उठ रहे हैं.
Bengal is falling apart and Mamata Banerjee is responsible for it. Her vituperative and communal speeches are the reason Ram Bhakts have been attacked across Bengal. After widespread rioting in Murshidabad, now devotees of Shri Ram targeted in Egra, Medinipur.
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) April 17, 2024
BJP Karyakartas… pic.twitter.com/8dG0pMzMIR
सबसे ज्यादा सुरक्षा बल, फिर क्यों सुलग उठा बंगाल?
पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था का सारा दारोमदार अभी चुनाव आयोग पर है. जब मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़की तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे. कुछ दूसरी जगहों पर देसी बम भी फोड़े गए. पश्चिम बंगाल का सियासी हाल, अभी बेहाल है. चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में CRPF की 55 कंपनियों और सीमा सुरक्षा बलों की 45 कंपनियों को तैनात किया है. ऐसा दूसरे किसी चुनावी राज्य में नहीं हुआ है. बीजेपी का कहना है कि स्थानीय अधिकारी सिर्फ ममता बनर्जी के इशारे पर काम करते हैं और उनके मुस्लिम तुष्टीकरण के एजेंडे पर काम करते हैं. चुनाव के दिनों में अभी इन बलों का नियंत्रण चुनाव आयोग के पास है. इतने बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों और पुलिसकर्मियों के रहते दंगे कैसे भड़के, इस सवाल का जवाब अभी किसी के पास नहीं है.