ममता बनर्जी की सरकार को मिलेगी राहत? बिना अनुमति CBI जांच के खिलाफ सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
West Bengal Government: केंद्र सरकार को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार की उस अपील पर सुनवाई की जाएगी जिसमें उसने राज्य में बिना उसकी अनुमति के बगैर सीबीआई जांच को चुनौती दी है. केंद्र की मोदी सरकार ने इस केस को स्वाकीर न करने की अपील की थी. ऐसे में इस फैसले को ममता बनर्जी की सरकार के लिए राहत भरी खबर माना जा रहा है.
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की थी. इसमें अपील की गई थी कि राज्य की सरकार की अनुमति के बिना पश्चिम बंगाल के मामलों की जांच सीबीआई से न करवाने दी जाए. केंद्र सरकार के विरोध के बावजूद अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह याचिका सुनने लायक है और इस पर सुनवाई की जाएगी. अदालत के इस कदम को केंद्र सरकार के लिए झटका और ममता बनर्जी की सरकार के लिए अच्छा माना जा रहा है. बीते कुछ सालों में देखा गया है कि पश्चिम बंगाल की सरकार और केंद्र सरकार में टकराव बढ़ा है. पश्चिम बंगाल में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से सीधे टकराव के मामले भी सामने आए हैं.
जस्टिस बी आर गवाई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने आज इस मामले में सुनवाई की और केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया कि पश्चिम बंगाल की इस अर्जी पर सुनवाई नहीं की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने एक कानूनी पहलू उठाया है और इस पर विचार किया जाना चाहिए. इस मामले में अब अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी.
सुनवाई के दौरान इस बेंच ने कहा कि जब राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के लिए दी गई अपनी सहमति वापस ले ली है तो वहां के केस में यह एजेंसी केस ही क्यों दर्ज कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल भी उठाए हैं कि किया ऐसा करना दिल्ली पुलिस स्पेशल एस्टैब्लिशमेंट ऐक्ट के खिलाफ है? वहीं, केंद्र सरकार लगातार इस अपील का ही विरोध करते हुए कह रही थी कि यह सुनवाई के योग्य ही नहीं है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, साल 2018 के नवंबर महीने में पश्चिम बंगाल की सरकार ने राज्य के मामलों में सीबीआई जांच के लिए दी गई अपनी अनुमति वापस ले ली थी. इसके बावजूद सीबीआई ने संदेशखाली जैसे कई मामलों में जांच शुरू कर दी. अनुमति न होने के बावजूद जांच शुरू किए जाने को पश्चिम बंगाल की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. राज्य सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 का हवाला देते हुए यह अपील की थी. बता दें कि इसी के तहत केंद्र और राज्य के बीच विवाद की स्थिति में सुप्रीम कोर्ट अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए आदेश जारी कर सकता है.