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पश्चिम बंगाल में 'ममता उन्माद', मुख्यमंत्री को अपरिपक्व बता क्या खरी-खोटी बोले राज्यपाल?

West Bengal News: पश्चिम बंगाल में राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच अब ठन गई है. राज्यपाल, मुख्यमंत्री पर मानहानि का मुकदमा दायर करने की तैयारी में हैं. एक दिन पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि उनके पास शिकायत आई है कि महिलाएं राजभवन में होने वाली गतिविधियों के कारण वहां जाने से डरती हैं. अब राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने CM को खरी-खरी सुना दी है.

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Mamata Banerjee And CV Ananda Bose
Courtesy: Social Media

West Bengal News: पश्चिम बंगाल में इन दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राजभवन को लेकर आए बयान के कारण सियासी बाजार गर्म है. एक रोज पहले आए ममता बनर्जी के बयान के मामले में राजभवन मानहानि का मुकदमा करने की तैयारी में है. इस बीच राज्यपाल का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि ये 'ममता उन्माद' है. मुख्यमंत्री के तौर पर वो मुझसे अलग राय रख सकती है लेकिन मेरे सम्मान के खिलाफ कुछ कहने का अधिकार उनको नहीं है.

बता दें ममता बनर्जी ने एक संबोधन में कहा था कि उनके पास कुछ महिलाएं आई थीं. उन्होंने राजभवन को लेकर शिकायत की है. ममता के बयान के अनुसार, महिलाएं राजभवन में होने वाली गतिविधियों के कारण वहां जाने से डरती हैं. इसी बयान पर राज्यपाल ने मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कही है.

राज्यपाल ने सुनाई खरी-खोटी

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि ममता बनर्जी ने सारी सीमाएं लांघ दी हैं. उन्हें सभ्य आचरण की शर्तों के अनुसार काम करना होगा. मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने उन्हें अपना सम्मानित संवैधानिक सहयोगी मानते हुए पूरा सम्मान दिया लेकिन उन्हें लगता है कि वे किसी को भी धमका सकती हैं और मेरे चरित्र पर लांछन लगा सकती हैं.

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आगे कहा कि ममता बनर्जी जैसे व्यक्ति द्वारा मेरे चरित्र के साथ समझौता नहीं किया जा सकता. मेरे आत्मसम्मान की किसी भी हद तक हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वे मुझे धमका या डरा नहीं सकतीं. वे इतनी परिपक्व नहीं हुई हैं.

बोस ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के तौर पर अगर वे मुझसे अलग राय रखती हैं तो निश्चित रूप से उनके पास संवैधानिक प्रावधान हैं. एक व्यक्ति के तौर पर उन्हें झूठ बोलकर चरित्र हनन करने का कोई अधिकार नहीं है. इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती. यह अहंकार नहीं है, यह 'ममता उन्माद' है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

सियासी दलों की राय

वरिष्ठ भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने बोला कि मुझे लगता है कि राज्यपाल ने सही फैसला लिया है. उन्हें ये बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था. मैं उनके फैसले का पूरा समर्थन करता हूं.

वरिष्ठ माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने बोस और बनर्जी के बीच टकराव से राज्य के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश को फायदा नहीं हो रहा है. यह वास्तव में हमें नुकसान पहुंचा रहा है. दोनों अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को भूल गए हैं.

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच झगड़े से राज्य की छवि खराब हो रही है. मुख्यमंत्री के आरोप की जांच होनी चाहिए. इसके लिए मुख्यमंत्री सबूत पेश करने चाहिए.