Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि वह जनता के हित में इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. उन्हें मुख्यमंत्री का पद नहीं चाहिए. दरअसल, डॉक्टरों नें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस्तीफा देने की बात कही.
10 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में अपने पीजी ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है. आज जूनियर डॉक्टरों को तीसरी बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में हड़ताल खत्म करने के लिए बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया गया था. इससे पहले जूनियर डॉक्टर सरकार द्वारा भेजे गए 2 आमंत्रण को अस्वीकार कर चुके थे. डॉक्टरों ने बातचीत करने का तीसरा आमंत्रण स्वीकार किया था लेकिन लाइव स्ट्रीमिंग की इजाजत न होने की वजह से वह मुख्यमंत्री से बातचीत करने नहीं आए.
सीएम ममता बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने 2 घंटे तक इंतजार किया, लेकिन डॉक्टर नहीं आए. अगर लोगों को न्याय चाहिए, तो मैं लोगों के हित के लिए इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं. मुझे सीएम की कुर्सी नहीं चाहिए.
#WATCH | RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case: West Bengal CM Mamata Banerjee says "I tried my best to sit with the junior doctors. I waited 3 days for them that they should have come and settle their problem. Even when they didn't accept the verdict of the… pic.twitter.com/qLD207vSd6
— ANI (@ANI) September 12, 2024
ममता बनर्जी ने कहा, "हम डॉक्टरों से मिलने के लिए दो घंटे से इंतजार कर रहे हैं. हमने उन्हें पत्र लिखा था और उन्होंने कहा था कि वे आएंगे और इसीलिए हमने ये व्यवस्था की है. हम खुले दिमाग से चर्चा करना चाहते थे. मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव सभी यहां मौजूद थे."
इस बात को स्पष्ट करते हुए कि सरकार ने चर्चा की लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति क्यों नहीं दी ममता बनर्जी ने कहा, "चूंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए लाइव संभव नहीं है. मैंने विरोध प्रदर्शन समाप्त करने के लिए जूनियर डॉक्टरों से बातचीत करने की तीन बार कोशिश की. मैं अभी भी आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करूंगी, उन्हें माफ कर दूंगी क्योंकि हम बड़े हैं.
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि डॉक्टरों को समझाने की पूरी कोशिश की. हमने उन्हें समझाया है कि सभी व्यवस्थाएं क्या हैं. हमने रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की है ताकि पूरी कार्यवाही अच्छी तरह से दर्ज हो सके. दोनों पक्षों के बीच विश्वास होना चाहिए. हम उनकी बात सुनना चाहते हैं.