West Bengal Violence: पिछले कुछ समय में पश्चिम बंगाल के अंदर चुनाव के दौरान हिस्सा की कई घटना देखने को मिली है, हालांकि अभी तक ये हमले विपक्षी कार्यकर्ताओं या फिर नेताओं पर होते थे, हालांकि इस साल लोकसभा चुनाव से पहले दो बार ऐसी घटना सामने आ चुकी है जब केंद्रीय एजेंसियों को हमले का शिकार होना पड़ा है.
संदेशखाली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पर हमले की घटना को अभी ज्यादा समय नहीं बीता था कि शुक्रवार देर रात को दोबारा हमले की खबर ने राजनीतिक गलियारों को हिला दिया है. एनआईए की टीम मेदिनीपुर विस्फोट मामले की जांच के लिए कोलकाता जा रही थी कि तभी भूपतिनगर में उसकी टीम को कुछ गांव वालों ने घेर लिया और पत्थरों से हमला कर दिया.
जहां एक ओर इस घटना की निंदा हो रही है तो वहीं पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच एजेंसी के मंसूबों पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं.
ममता बनर्जी ने शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम पर मेदिनीपुर विस्फोट मामले की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया और कहा कि गांव वालों ने नहीं बल्कि एनआईए अधिकारियों ने पूर्वी मिदनापुर जिले के भूपतिनगर में रहने वाले ग्रामीणों पर हमला किया था.
उन्होंने दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट में एक चुनावी रैली में कहा, 'हमला भूपतिनगर की महिलाओं की ओर से नहीं किया गया था बल्कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हमला किया था. अगर महिलाओं पर हमला होगा तो क्या महिलाएं शांत बैठेंगी?"
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2022 की घटना की जांच को लेकर एनआईए अधिकारियों ने रात में उनके घरों में घुसपैठ की जिसके बाद ही महिलाओं ने उनका विरोध किया. ममता ने आधी रात को छापेमारी करने के एनआईए के फैसले की आलोचना की और कहा कि यह बिल्कुल जायज रिएक्शन था जिसमें आधी रात को कुछ अजनबी आपके घर में घुसने की कोशिश करेंगे तो क्या होगा.
उन्होंने कहा, 'NIA ने आधी रात को छापा क्यों मारा? क्या उनके पास पुलिस की अनुमति थी? स्थानीय लोगों ने उसी तरह प्रतिक्रिया व्यक्त की जैसे अगर कोई दूसरा अजनबी आधी रात को वहां आता तो होता.'