अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के संत चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों को लेकर भारतीय नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इन नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर केंद्र के साथ खड़ी है. विधानसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा, 'हम नहीं चाहते कि किसी भी धर्म को नुकसान पहुंचे. मैंने यहां इस्कॉन से बात की है. चूंकि यह दूसरे देश से जुड़ा मामला है, इसलिए केंद्र सरकार को उचित कार्रवाई करनी चाहिए. हम इस मुद्दे पर उनके साथ खड़े हैं.'
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए कहा, 'हिंदुओं पर हमले और धार्मिक नेताओं की गिरफ्तारी अमानवीय और अस्वीकार्य है.' उन्होंने इस मुद्दे की अनदेखी करने के लिए विपक्षी नेताओं की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि वे सांप्रदायिक हिंसा से निपटने में दोहरे मानदंड अपना रहे हैं. सोमवार को बांग्लादेश पुलिस ने ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास इस्कॉन के भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार कर लिया. इस घटना के साथ ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ चल रही हिंसा ने तनाव बढ़ा दिया है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने भिक्षु को जमानत न दिए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की और बांग्लादेश से अपने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस वार्ता में कहा, 'हम इस मामले में सरकार द्वारा अपनाए गए सही रुख के साथ खड़े हैं.' हालांकि, विपक्षी नेताओं ने सरकार के इस रवैये की आलोचना की है. कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कूटनीतिक प्रयासों पर सवाल उठाते हुए कहा, 'भारत का अपने पड़ोस में प्रभाव कम होता जा रहा है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार होने पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं?'