Women's Reservation Bill: महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिलाने वाला बिल लोकसभा में पेश हुआ. इस बिल में महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा में 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है. इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी. महिला आरक्षण बिल को लेकर अब सियासत तेज हो चली है. कांग्रेस पार्टी ने जहां इसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की पहल मान रही है वहीं आम आदमी पार्टी का इस बिल पर आधिकारिक बयान सामने आया है.
आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “महिला आरक्षण लाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे. महिला आरक्षण विधेयक के खंड 5 के अनुसार आरक्षण परिसीमन और नई जनगणना के बाद ही लागू होगा. संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) अधिनियम, 2023 के बाद.क्या इसका मतलब यह है कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कोई महिला आरक्षण लागू नहीं होगी. क्या देश और महिलाओं को महिला आरक्षण के लिए नये सिरे से जनगणना और परिसीमन का इंतजार करना होगा. क्या बिल को लागू करने की योजना के बिना तैयार किया गया है. हम बिना किसी देरी के महिलाआरक्षण को तत्काल लागू करने की मांग करते हैं”
महिला आरक्षण लाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे....
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) September 19, 2023
As per Clause 5 of the #WomenReservationBill, the reservation will kick in only AFTER a delimitation exercise and a fresh census - post the Constitution (One Hundred and Twenty Eighth Amendment) Act, 2023.
Does this imply:
1⃣ No… pic.twitter.com/B7diAtif9n
विधेयक को सदन के पटल पर पेश करते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह विधेयक महिला सशक्तिकरण करेगा. संविधान के अनुच्छेद 239ए में संशोधन करके महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी. अनुच्छेद 330ए के तहत सदन में एससी/एसटी महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी. इस विधेयक के पारित होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 181 हो जाएगी. इसके साथ ही दिल्ली विधानसभा में भी महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा .इस बिल के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा. 15 साल बाद महिलाओं को आरक्षण देने के लिए फिर से बिल लाना होगा।'