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India Daily

'हम हिंदी नहीं थोप रहे...', स्टालिन के आरोप पर धर्मेंद्र प्रधान ने किया पलटवार

धर्मेंद्र प्रधान ने लिखा, नीति किसी भी भाषा को थोपने की वकालत नहीं करती है. कई गैर- बीजेपी राज्यों ने राजनीतिक मतभेदों के बावजूद एनईपी की प्रगतिशील नीतियों को लागू किया है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Dharmendra Pradhan
Courtesy: Social Media

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लेकर केंद्र और तमिलनाडु के बीच विवाद बढ़ गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को पत्र लिखकर कहा कि  राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 किसी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोप रही है.

प्रधान ने लिखा, नीति किसी भी भाषा को थोपने की वकालत नहीं करती है. कई गैर- बीजेपी राज्यों ने राजनीतिक मतभेदों के बावजूद एनईपी की प्रगतिशील नीतियों को लागू किया है. एनईपी 2020 का उद्देश्य क्षितिज को व्यापक बनाना है, न कि उन्हें संकीर्ण करना. यह पत्र पिछले सप्ताह स्टालिन और प्रधान द्वारा एनईपी के पहलुओं जैसे त्रि-भाषा फार्मूले, जिसके तहत स्कूली छात्रों को तीन भाषाएं पढ़ाई जाती हैं, के प्रति तमिलनाडु के विरोध को लेकर की गई टिप्पणियों के बीच आया है.

'तमिलनाडु को एनईपी को स्वीकार करना होगा'

प्रधान ने कहा है कि तीन-भाषा नीति को अपनाया जाना चाहिए और तमिलनाडु को एनईपी को स्वीकार करना होगा, स्टालिन ने दोहराया कि शिक्षा समवर्ती सूची में बनी हुई है, और पूछा कि संविधान का कौन सा अनुच्छेद तीन-भाषा सूत्र को अनिवार्य बनाता है. तमिलनाडु में डीएमके और एआईएडीएमके ने इस आधार पर तीन-भाषा सूत्र का विरोध किया है कि यह “हिंदी थोपने” का प्रयास करता है. तमिलनाडु में स्कूली छात्रों को दो भाषाएँ, तमिल और अंग्रेजी पढ़ाई जाती हैं.

शुक्रवार को स्टालिन को लिखे अपने पत्र में प्रधान ने लिखा कि तमिलनाडु हमेशा से सामाजिक और शैक्षिक प्रगति का अग्रदूत रहा है, जिसने भारत में कुछ सबसे परिवर्तनकारी सुधारों का नेतृत्व किया है. हालांकि, राजनीतिक कारणों से एनईपी 2020 का लगातार विरोध तमिलनाडु के छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों को इस नीति द्वारा प्रदान किए जाने वाले अपार अवसरों और संसाधनों से वंचित करता है. नीति को लचीला बनाया गया है, जिससे राज्यों को अपनी विशिष्ट शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुरूप इसके कार्यान्वयन को अनुकूलित करने की अनुमति मिलती है.

स्टालिन ने पीएम मोदी को लिखा था पत्र

गुरुवार को स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य को 2,152 करोड़ रुपये की समग्र शिक्षा निधि जारी करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की, बिना इसे एनईपी 2020 के कार्यान्वयन से जोड़े. उन्होंने लिखा कि प्रधान की टिप्पणी "यह संकेत देती है कि तमिलनाडु के लिए समग्र शिक्षा निधि तब तक जारी नहीं की जाएगी जब तक कि राज्य एनईपी 2020 को पूरी तरह से लागू नहीं करता और तीन-भाषा नीति को नहीं अपनाता" ने राज्य में छात्रों और जनता के बीच "काफी चिंता और अशांति पैदा की है".