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वायनाड त्रासदी; स्कूल की सीटें खाली, लैंडस्लाइड के बाद नहीं लौट पाए 53 छात्र

Wayanad landslides: इस आपदा ने उनके कई स्कूली साथियों को भी लील लिया. सबसे अधिक प्रभावित मुंदक्कई और चूरलमाला गांवों के दो स्कूलों के 53 छात्र भूस्खलन में मारे गए. नष्ट हुए दो स्कूलों सरकारी व्यावसायिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चूरलमाला और सरकारी निम्न प्राथमिक विद्यालय, मुंडक्कई में कुल मिलाकर 614 छात्र हैं.

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Edited By: India Daily Live
Wayanad landslides school
Courtesy: Social Medai

केरल के वायनाड में आए भीषण त्रासदी ने सबकुछ बदलकर रख दिया है. हजारों जिंदगियां खत्म हो गई. इस आपदा के एक महीने बाद जब स्कूल खुले तो कई पुराने चेहरे गायब थे. भूस्खलन से स्कूल नष्ट होने के एक महीने से ज़्यादा समय बाद, मेप्पाडी पंचायत में सोमवार को लगभग 600 छात्र कक्षाओं में वापस आ गए. उनमें से कई ने इस आपदा में अपने प्रियजनों और अपना सारा सामान खो दिया था.

इस आपदा ने उनके कई स्कूली साथियों को भी लील लिया. सबसे अधिक प्रभावित मुंदक्कई और चूरलमाला गांवों के दो स्कूलों के 53 छात्र भूस्खलन में मारे गए. नष्ट हुए दो स्कूलों सरकारी व्यावसायिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चूरलमाला और सरकारी निम्न प्राथमिक विद्यालय, मुंडक्कई में कुल मिलाकर 614 छात्र हैं. चूरलमाला स्कूल के छात्रों की कक्षाएं अब मेप्पाडी के सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में लग रही हैं. मुंडक्कई स्कूल के निम्न प्राथमिक छात्र मेप्पाडी सामुदायिक हॉल में अपनी कक्षाएं ले रहे हैं.

छात्र अभी भी आपदा के सदमे से उबर रहे हैं अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक कक्षाओं में भूस्खलन का कोई जिक्र नहीं होगा. 30 जुलाई की सुबह इस इलाके में हुए भूस्खलन ने गांवों में लगभग सब कुछ दफन कर दिया या बहा दिया. इस भूस्खलन में कम से कम 231 लोग मारे गए और 78 लापता हो गए.

कई गांव हो गए खाली

मुंदक्कई और अट्टामाला गांवों में अब कोई नहीं रहता, जबकि कुछ बचे हुए लोग चूरलमाला में रह रहे हैं. इन गांवों के अधिकांश बचे हुए लोग, जिनमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं, पिछले महीने के अधिकांश समय राहत शिविरों में रहे. हाल ही में, उन्हें मेप्पाडी और अन्य निकटवर्ती पंचायतों के आसपास किराए की सुविधाओं में ले जाया गया है.

स्कूल खुले तो उत्सव सा माहौल

सोमवार को राज्य शिक्षा विभाग ने मुंडक्कई और चूरलमाला स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए 'प्रवेशोत्सव' या स्कूल वापसी उत्सव का आयोजन किया जो आमतौर पर प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में केरल भर के स्कूलों में आयोजित किया जाता है. कक्षाओं में उत्सव जैसा माहौल था और कई छात्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई नई वर्दी में आए थे. उन्हें नई अध्ययन सामग्री भी मिली क्योंकि भूस्खलन में अधिकांश छात्रों की सामग्री नष्ट हो गई थी.

भूस्खलन के बारे में स्कूल में नहीं होगा कोई जिक्र

चूरलमाला स्कूल के प्रधानाध्यापक उन्नीकृष्णन ने कहा कि कक्षाएं फिर से शुरू होने से विद्यार्थियों को आपदा से हुई क्षति और आघात के बाद अपने नए जीवन को अपनाने में मदद मिलेगी.उन्होंने कहा कि कक्षाओं में भूस्खलन के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया जाएगा, क्योंकि कोई भी उस मंजर को अब याद नहीं करना चाहता. शुरुआती दिनों में नियमित कक्षाएं नहीं होंगी. प्रधानाध्यापक ने कहा कि सभी शिक्षकों को बचे हुए लोगों को संभालने के लिए परामर्श दिया गया है. हमने (चूरलमाला स्कूल से) 32 छात्रों को खो दिया है. हमारे दो छात्रों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है और कई अन्य ने अपने पिता या माता को खो दिया है. इस त्रासदी से अप्रभावित एक भी छात्र नहीं है.

जिला शिक्षा अधिकारी बिजेश बीसी ने बताया कि पिछले महीने से बच्चों को इस त्रासदी से उबरने के लिए लगातार काउंसलिंग दी जा रही है. उन्होंने कहा, हम यह काउंसलिंग जारी रखेंगे. शिक्षकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्रों को इस दुख से उबरने में मदद करें. शुरुआत में छात्रों के लिए 'ब्रिज प्रोग्राम' चलाया जाएगा.