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वायनाड या फिर रायबरेली... कौन सी लोकसभा सीट से इस्तीफा देंगे राहुल गांधी?

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया. राहुल गांधी, केरल के वायनाड और यूपी के रायबरेली से चुनाव लड़े और दोनों जगहों से जीत दर्ज की. लेकिन अब राहुल गांधी को दोनों में से एक सीट से इस्तीफा देना होगा.

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Edited By: India Daily Live
Rahul Gandhi
Courtesy: Social Media

केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने और दोनों जगहों से जीत दर्ज करने वाले राहुल गांधी को एक सीट से इस्तीफा देना होगा. इस संबंध में सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल होती हैं, जिसमें दावा किया जाता है कि राहुल गांधी, रायबरेली सीट से इस्तीफा देकर वायनाड सीट से सांसद बने रहेंगे. लेकिन हकीकत ठीक इसके उलट है.

सूत्रों के मुताबिक, ये लगभग तय हो गया है कि राहुल गांधी, अपनी मां सोनिया की सीट रायबरेली अपने पास रखेंगे. इसका साफ मतलब है कि वे वायनाड छोड़ेंगे. बताया जा रहा है कि कांग्रेस की हुई पहली बैठक और परिवार के साथ रायशुमारी के बाद राहुल गांधी ने ये फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक, राहुल दोनों सीटों में से कौन सी सीट चुनें, उनके इस कन्फ्यूजन को सोनिया गांधी ने दूर किया. सोनिया गांधी ने राहुल को समझाया कि UP कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है, इसलिए उन्हें रायबरेली अपने पास रखना चाहिए.

चुनाव के दौरान भी रहा था ये कन्फ्यूजन

चुनाव के समय बहुत दिनों तक ये कंफ्यूजन रहा था कि राहुल क्या रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे? आखिर वक्त ये फैसला लिया गया है कि वायनाड के साथ-साथ राहुल रायबरेली की सीट से भी अपनी किस्मत आजमाएंगे. खुद राहुल को लेकर सोनिया गांधी रायबरेली पहुंच गईं और वहां की जनता से कहा कि वो अपना बेटा रायबरेली को सौंप रही हैं. चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें वे अपनी मां सोनिया गांधी के साथ रायबरेली के अपने पारिवारिक इतिहास को देख रहे थे और बता भी रहे थे.

राहुल गांधी को जिताने के लिए प्रियंका ने डाल दिया था डेरा

अपने भाई यानी राहुल गांधी को रायबरेली से जिताने के लिए खुद प्रियंका गांधी ने लोकसभा सीट पर डेरा डाल दिया था. कई नुक्कड़ सभाएं की...घर-घर जाकर अपनी बात लोगों तक पहुंचाई. अब कहा जा रहा है कि प्रियंका दोबारा उत्तरप्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल सकती हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद उन्होंने इस पद को छोड़ दिया था. एक चर्चा ये भी है कि राहुल के सीट छोड़ने पर प्रियंका गांधी वाड्रा, वायनाड से उपचुनाव लड़ सकती हैं. कहा जा रहा है कि गांधी परिवार उत्तर के साथ दक्षिण में भी पकड़ मजबूत रखना चाहता है.

आखिर रायबरेली सीट के लिए क्यों मान गए राहुल गांधी?

सूत्रों के अनुसार, गांधी परिवार ने राहुल को समझाया कि रायबरेली की जीत इस लिहाज से भी बड़ी है क्योंकि परिवार ने अमेठी की खोई सीट भी हासिल कर ली है. रायबरेली में राहुल को वायनाड से बड़ी जीत मिली है.  ऐसे में रायबरेली छोड़ेंगे तो उत्तरप्रदेश में गलत मैसेज जाएगा. गांधी परिवार के मुखिया ने हमेशा यूपी से ही राजनीति की. राजीव गांधी अमेठी और  जवाहरलाल नेहरू इलाहाबाद से चुनाव लड़ते रहे हैं. रायबरेली सीट सोनिया गांधी,  इंदिरा और फिरोज गांधी की सीट रही है.

आखिर प्रियंका गांधी क्या चाहती हैं?

सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी का खेमा चाहता था कि राहुल गांधी भले ही रायबरेली सीट छोड़ दें, लेकिन उन्हें वायनाड नहीं छोड़ना चाहिए. सूत्रों के अनुसार, प्रियंका गांधी के खेमे के कुछ लोग पहले की तरह चाहते थे कि राहुल वायनाड में ही रहें और प्रियंका रायबरेली से उपचुनाव लड़ें.

दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन से ठीक एक दिन पहले ही गांधी परिवार ने फैसला लिया था कि राहुल रायबरेली से लड़ेंगे. ये फैसला आखिरी वक्त में इसलिए हुआ कि प्रियंका और रॉबर्ट दोनों चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी के सीनियर नेताओं ने प्रियंका को समझाया कि परिवारवाद के आरोप से कांग्रेस कमजोर होगी. पूरे परिवार को चुनाव में उतरने की बजाय राहुल को ब्रांड बनाना जरूरी है.