Wayanad LandSlide: वायनाड से बही कर्नाटक में मिली लाश, पत्नी-बेटे लापता, लैंडस्लाइड में तबाह हो गए कई परिवार
केरल के वायनाड में हुए लैंडस्लाइड में सैकड़ों परिवार बर्बाद हो गए. गांव के घर तहस-नहस हो गए. इस आपदा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. 200 से भी ज्यादा अभी भी लापता हैं. कर्नाटक में चामराजनगर के इरसावाडी के राजेंद्र का शव 100 किलोमीटर दूर मिला. उनकी पत्नी और बच्चे अभी भी लापता हैं.
केरल के वायनाड में आए लैंडस्लाइड से हजारों जिंदगी बर्बाद हो गई. 300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और अभी भी 200 से ज्यादा लोग लापता हैं. 105 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. वहीं बिना वारिस वाले शवों का प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया जाएगा.
सेना और NDRF की टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है. रेस्क्यू टीम को कर्नाटक में चामराजनगर के इरसावाडी के राजेंद्र का शव मिला जो केरल के वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन के बाद अपनी पत्नी रत्नम्मा के साथ लापता हो गए थे. शव केरल के चूरलमाला गांव से 100 किलोमीटर दूर मिला. उनकी पत्नी की तलाश जारी है.
30 सालों से केरल में रह रहा था परिवार
चामराजनगर जिले के लोगों की तलाश में स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करने के लिए मेप्पाडी में मौजूद गुंडलूपेट के तहसीलदार रमेश बाबू ने बताया कि 50 वर्षीय राजेंद्र और रत्नम्मा केरल के चूरलमाला गांव के निवासी थे. यह जोड़ा पिछले 30 सालों से केरल में रह रहा है. भूस्खलन के बाद से वे लापता बताए जा रहे हैं. हाल ही में खरीदा गया उनका नया घर बह गया.
घर से 100 किलोमीटर दूर मिला शव
राजेंद्र का शव चूरलमाला से करीब 100 किलोमीटर दूर मिला और 31 जुलाई की शाम को मेप्पाडी अस्पताल लाया गया. रात 9.30 बजे अंतिम संस्कार किया गया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मैसूर जिले के टी. नरसीपुरा तालुक के वक्कलगेरे गांव के मूल निवासी चूरलमाला के एक परिवार के आठ लापता लोगों में से दो के शव मिल गए हैं.
सूत्रों ने बताया कि आठ लापता व्यक्ति - गुरुमल्लन, सावित्री, सबिता, शिवनन, अप्पनन, अश्विन, जीतू और दिविया महादेवम्मा और रत्ना के साथ पिछले 40 सालों से केरल में रह रहे थे. महादेवम्मा और उनकी बेटी रत्ना इस आपदा से बच गईं क्योंकि वे भूस्खलन के दिन दूसरे घर में थीं. हालांकि महादेवम्मा के तीन बेटे लापता हैं.