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Wayanad By Election Result: राहुल गांधी का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगी प्रियंका गांधी? भाई ने 6 लाख के अंतर से जीता था चुनाव

प्रियंका गांधी के लिए यह केवल एक चुनावी चुनौती नहीं है, बल्कि यह कांग्रेस पार्टी की भविष्यवाणी के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्या वह राहुल गांधी के रिकॉर्ड को तोड़ पाएंगी या नहीं, यह आज आने वाले नतीजे बता पाएंगी.

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Edited By: Mayank Tiwari
Priyanka Gandhi Vadra
Courtesy: X@INCKerala

Waynad By Election: कांग्रेस पार्टी की प्रमुख नेता प्रियंका गांधी वाड्रा, जिन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में चुनावी प्रचार किया था, अब एक सवाल का सामना कर रही हैं. क्या वह अपने भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगी? राहुल गांधी को पिछले चुनावों में 6 लाख से अधिक वोट मिले थे. दरअसल,कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सत्यन मोकेरी (कम्युनिस्ट पार्टी) को पछाड़ते हुए अच्छी खासी लीड लेती दिख रही हैं. प्रियंका गांधी 3 लाख से ज्यादा वोटों की बढ़त बनाए हुए हैं.

 वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यह संख्या न केवल उनके राजनीतिक करियर की एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर रही, बल्कि पार्टी के लिए भी बड़ी उम्मीदें जगी थीं। अब प्रियंका गांधी की कोशिश होगी कि वह इस आंकड़े को पार कर पाएं और पार्टी की ताकत को और मजबूत करें. ईसीआई के मुताबिक प्रियंका गांधी को 3,37064 वोट मिल चुके हैं. वहीं, सत्यन मोकेरी को केवल 1 लाख 15 हजार से ज्यादा वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं. इससे साफ हो गया है कि प्रियंका ने अच्छी खासी बढ़त बना ली है.

राहुल गांधी का 6 लाख वोटों का रिकॉर्ड

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जो कांग्रेस पार्टी के प्रमुख सदस्य हैं. उन्होंने हाल के विधानसभा चुनावों में 6 लाख से अधिक वोट प्राप्त किए थे. इस आंकड़े ने उन्हें न केवल उत्तर भारत में बल्कि पूरे देश में एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित किया. उनके द्वारा किए गए कामों और उनके समर्पण ने उन्हें एक मजबूत वोट बैंक दिलाया, जो पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण था. उनके इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए प्रियंका गांधी को कड़ी मेहनत और रणनीतिक योजना की जरूरत होगी.

प्रियंका गांधी की मिली चुनौती!

प्रियंका गांधी को अब अपनी खुद की पहचान बनाने और राहुल गांधी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा. हालांकि, उनके पास एक मजबूत समर्थक वर्ग है और उन्हें पार्टी के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन मिला हुआ है. उधऱ, प्रियंका की रणनीतियों और चुनावी जनसंपर्क की दिशा यह तय करेगी कि वह राहुल गांधी का रिकॉर्ड तोड़ने में सफल होती हैं या नहीं.