Indus Water Treaty Violation: भारत द्वारा अचानक उरी बांध से पानी छोड़े जाने के चलते पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में भारी अराजकता फैल गई. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि बिना किसी पूर्व चेतावनी के झेलम नदी में पानी का स्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे हटियन बाला जिले में जल आपातकाल की स्थिति बन गई और सैकड़ों लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा.
पानी बढ़ते ही पीओके में मची अफरा-तफरी
बता दें कि झेलम नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. हटियन बाला, मुजफ्फराबाद और चकोटी में लाउडस्पीकरों के जरिए चेतावनियां दी गईं और लोगों को तुरंत इलाके खाली करने को कहा गया. डुमेल गांव के निवासी मुहम्मद आसिफ ने बताया, ''हमें कोई चेतावनी नहीं मिली. पानी इतनी तेजी से आया कि हम जान-माल की रक्षा करने के लिए संघर्ष करते रहे.''
सिंधु जल संधि के उल्लंघन का आरोप
वहीं पीओके सरकार ने भारत पर जानबूझकर 'जल आतंकवाद' फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसे 1960 की सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) का उल्लंघन बताया, जिसके तहत दोनों देशों को पानी छोड़ने से पहले एक-दूसरे को सूचित करना जरूरी है. पाकिस्तान का दावा है कि भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के खिलाफ है और इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है.
भारी बारिश का असर या रणनीतिक फैसला?
इसको लेकर, भारत की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि कुछ भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि यह पानी छोड़ा जाना जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के चलते एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा था. फिर भी, पाकिस्तानी प्रशासन इसे भारत की एक सोची-समझी रणनीति मान रहा है.
राहत और बचाव कार्य जारी
बहरहाल, हटियन बाला प्रशासन ने इलाके में अस्थायी राहत शिविर स्थापित कर दिए हैं और बचाव दलों को तैनात कर दिया गया है. जिला आयुक्त बिलाल अहमद ने कहा, ''हम पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हैं.'' अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे नदी किनारे जाने से बचें और पशुओं को भी पानी के नजदीक न ले जाएं.