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India Daily

West Bengal Waqf violence: '10000 की भीड़ इकठ्ठा हुई, पुलिस की पिस्टल छीनी,' वक्फ हिंसा पर हाईकोर्ट में बोली ममता सरकार

इस घटनाक्रम ने राज्य और केंद्र सरकार के बीच राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है. वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और हिंसा ने समाज में धार्मिक और राजनीतिक ध्रुवीकरण की चिंता को और गहरा दिया है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Murshidabad Violence
Courtesy: Social Media

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन ने राज्य की राजनीति और समाज में गहरी हलचल मचा दी है. पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. जिसमें उन्होंने बताया कि हिंसा के दिन करीब 10,000 की भीड़ जमा हो गई थी, जिसमें से लगभग 10 लोगों के पास घातक हथियार थे. उन्मादी भीड़ ने मौके पर तैनात पुलिसकर्मी की पिस्तौल भी छीन ली थी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पहले करीब 8,000-10,000 लोगों की भीड़ पीडब्ल्यूडी ग्राउंड पर इकट्ठा हुई. इसके बाद भीड़ का एक हिस्सा अलग हो गया और करीब 5,000 लोग उमरपुर की ओर बढ़ गए और राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया. इसके बाद भीड़ बेकाबू हो गई और पुलिस कर्मियों पर ईंट-पत्थर फेंकने लगी. वहीं, इस भीषण हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने क्या दी प्रतिक्रिया!

कलकत्ता हाई कोर्ट ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक-एक सदस्य वाली तीन सदस्यीय समिति को हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास और शांति बहाली की निगरानी के लिए जिले के प्रभावित इलाकों का दौरा करना चाहिए.​

विपक्ष की क्या है भूमिका

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने याचिका दायर कर दावा किया कि मुस्लिम बहुल जिले में सांप्रदायिक दंगों के दौरान बम विस्फोट हुए थे. एक अन्य याचिकाकर्ता ने हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों की उनके घरों में वापसी के लिए राज्य सरकार द्वारा कदम उठाए जाने का अनुरोध किया.

उपद्रवग्रस्त इलाकों में हुई केंद्रीय बलों की तैनाती

मुर्शिदाबाद के उपद्रवग्रस्त सुती, शमसेरगंज-धुलियान इलाकों में फिलहाल केंद्रीय बलों की लगभग 17 कंपनियां तैनात हैं. हाई कोर्ट ने शनिवार को शांति बहाली के लिए जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का आदेश दिया था. राज्य सरकार ने अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की और दावा किया कि मुर्शिदाबाद में कानून-व्यवस्था की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है.