Waqf Amendment Bill: कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को वक्फ पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने इस रिपोर्ट को फर्जी करार देते हुए राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ से इसे वापस करने की मांग की. राज्यसभा में बोलते हुए खड़गे ने कहा, "हम इस तरह की फर्जी रिपोर्ट को कभी स्वीकार नहीं करेंगे."
उन्होंने आरोप लगाया कि जेपीसी रिपोर्ट से विपक्षी सदस्यों के डिसेंट नोट को हटा दिया गया है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है. उनकी इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष की तरफ से कड़ा विरोध किया गया. खड़गे ने मांग कर कहा है कि रिपोर्ट को वापस लेकर दोबारा पेश किया जाए जिसमें सभी असहमति नोट शामिल किए जाएं.
उन्होंने आगे कहा, "वक्फ बोर्ड पर बनी जेपीसी रिपोर्ट में कई सदस्यों ने अपनी असहमति जताई थी... उन नोट्स को हटाना और हमारी राय को दबाना सही नहीं है... यह लोकतंत्र विरोधी है... हम किसी भी ऐसी रिपोर्ट की निंदा करते हैं जिसमें असहमति की आवाज हटा दी गई हो. अगर रिपोर्ट में असहमति वाले विचार नहीं हैं, तो इसे वापस लेकर फिर से पेश किया जाना चाहिए."
राज्यसभा में इस मुद्दे पर हंगामे के बीच राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा कि जेपीसी रिपोर्ट से कोई असहमति नोट नहीं हटाया गया है. वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर सदन को गुमराह करने और कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "विपक्ष को सदन को गुमराह नहीं करना चाहिए."
#WATCH दिल्ली: राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "...मैंने विपक्ष द्वारा उठाई गई चिंताओं की जांच की है। रिपोर्ट से कोई भी बात हटाई नहीं गई है। किस आधार पर ऐसा मुद्दा उठाया जा सकता है? विपक्ष के सदस्य अनावश्यक मुद्दा बना रहे हैं, जिसमें तथ्य नहीं है। आरोप झूठे हैं।… pic.twitter.com/Z8j6KSNWlK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 13, 2025
रिजिजू ने आगे कहा, "मैंने विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों की जांच की है. रिपोर्ट में किसी भी असहमति नोट को हटाया नहीं गया है. पूरी प्रक्रिया सदन में ट्रांसपेरेसी से की गई है. विपक्ष बेवजह इस मामले को तूल दे रहा है. जेपीसी ने सभी नियमों का पालन किया है... पिछले 6 महीनों में जेपीसी की सभी बैठकों में विपक्षी सदस्य भी शामिल रहे हैं... असहमति नोट रिपोर्ट के एपेंडिक्स में अटैच हैं... विपक्ष झूठे आरोप लगाकर सदन को भ्रमित नहीं कर सकता.