Waqf Bill And Priyanka Gandhi: लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल 2025 पर हुई बहस के दौरान प्रियंका गांधी की गैरमौजूदगी को लेकर केरल के एक प्रमुख मलयालम अखबार सुप्रभातम ने अपनी संपादकीय में तीखी आलोचना की है. यह अखबार सुप्रभातम सामसथा केरला जमीयतुल उलेमा नाम की एक प्रभावशाली मुस्लिम संगठन द्वारा चलाया जाता है.
अखबार ने लिखा कि जिस प्रियंका गांधी से देश को काफी उम्मीदें हैं, वह पार्टी की ओर से व्हिप जारी होने के बावजूद संसद में इस अहम बहस के दौरान नहीं पहुंचीं. यह उनकी छवि पर एक दाग की तरह रहेगा. संपादकीय में यह सवाल भी उठाया गया कि जब वक्फ बिल पर बहस हो रही थी, तो प्रियंका गांधी कहां थीं?
बड़ी बात यह है कि वायनाड सीट पर बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर हैं. यहां पहले राहुल गांधी सांसद थे और इस बार प्रियंका गांधी को इसी क्षेत्र से चुनाव लड़वाया गया. क्षेत्रीय मुस्लिम पार्टी IUML ने भी उनका समर्थन किया था ताकि कांग्रेस यह सीट जीत सके.
संपादकीय में राहुल गांधी पर भी सवाल उठाए गए. उन्होंने पूछा कि विपक्ष के नेता होने के बावजूद राहुल गांधी ने इस बिल पर कुछ क्यों नहीं कहा. उनका कहना था कि यह बिल देश की एकता पर हमला करता है, ऐसे में राहुल गांधी की चुप्पी समझ से बाहर है.
हालांकि अखबार ने इस बात के लिए धन्यवाद भी दिया कि कुछ विपक्षी नेताओं ने बिल के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाई और वोट भी दिया. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल, मुसलमानों और देश की सेकुलरिज्म पर सबसे बड़ा हमला है, बाबरी मस्जिद की घटना के बाद यह दूसरा बड़ा झटका है.
उन्होंने कांग्रेस और डीएमके के कुछ नेताओं के प्रदर्शन की सराहना भी की, जिन्होंने आधी रात के बाद संसद में इस बिल के खिलाफ मजबूती से बहस की. इस पूरे मुद्दे ने प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम समुदाय के बीच एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या वे सच में उनके मुद्दों के लिए खड़े हैं या नहीं.