लोकसभा में मंजूरी के बाद अब राज्यसभा में पेश होगा Waqf Bill, 8 घंटे चर्चा होने की उम्मीद
रुवार तड़के 2:40 बजे लोकसभा ने 13 घंटे से अधिक समय तक चले सेशन के बाद वक्फ संशोधन बिल के पारित होने और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने वाले प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद सेशन को समाप्त कर दिया.
Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन बिल के पारित होने और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने वाले प्रस्ताव को लोकसभा में मंजूरी दे दी है. गुरुवार तड़के 2:40 बजे तक यानी 13 घंटे से अधिक समय तक लोकसभा में सेशन चला जिसके बाद बिल को मंजूरी मिली. अब वक्फ संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
लोकसभा में वक्फ बिल पर 12 घंटे से ज्यादा की तीव्र बहस के बाद इसे 288 वोटों के पक्ष में और 232 वोटों के विरोध में पारित किया गया. जैसे ही सेशन समाप्त होने वाला था तभी रात के लगभग 2 बजे, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा पर चर्चा के लिए प्रस्ताव लाया गया. ऐसे में विपक्ष सभी हैरान रह गए.
गृह मंत्री ने पेश किया प्रस्ताव
गृह मंत्री अमित शाह ने प्रस्ताव पेश किया. फिर स्पीकर ओम बिरला ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर से अपनी टिप्पणी रखने के लिए कहा. शशि थरूर थोड़े हैरान थे और स्पीकर से पूछा, 'क्या आप सच में इस समय पर चर्चा चाहते हैं?' मणिपुर मुद्दे पर चर्चा और प्रस्ताव की मंजूरी पर केवल आधे घंटे का समय लगा. बता दें, हाउस बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में फैसला किया था मणिपुर मुद्दे के चर्चे के लिए 1 घंटा दिया जाएगा.
मणिपुर हिंसा
विपक्ष ने मई 2023 से मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा को रोकने की विफलता सरकार को जिम्मेदार ठहराया था. विपक्ष का आरोप था कि सरकार इन मुद्दों को बुलडोज कर रही और अनदेखी कर रही है. वहीं, मंगलवार को BAC बैठक से विपक्ष ने विरोध को लेकर वॉकआउट किया था.
राज्यसभा में पेश होगा वक्फ बिल
अब, कार्यवाही राज्यसभा में दोनों मुद्दों, वक्फ बिल और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के प्रस्ताव पर आगे बढ़ गई है. जहां तक वक्फ बिल की बात है, भाजपा नीत NDA के पास राज्यसभा में भी अच्छा समर्थन है. NDA के पास 125 सांसद हैं, जिनमें BJP के 98, JD(U) के 4, NCP के 3, TDP के 2, और 6 नामांकित सदस्य शामिल हैं. इसके मुकाबले, विपक्षी INDIA गठबंधन के पास 88 सांसद हैं, जिनमें कांग्रेस के 27 और तृणमूल कांग्रेस के 13 सदस्य हैं. भले ही नवीन पटनायक की BJD के सात सांसद विपक्ष के साथ जाएं, फिर भी संख्याबल विपक्ष के पक्ष में नहीं है.