लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक पेश होने के साथ ही राजनीतिक नेताओं के बीच तीखी, व्यंग्यात्मक और कड़े बयानों का दौर शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर हमला बोला. उन्होंने इसे BJP के लिए ध्रुवीकरण का एक और मौका करार दिया.
अखिलेश यादव और अमित शाह के बीच तीखा व्यंग्य
'BJP नए विधेयक से अपनी नाकामियां छिपाती है'
विधेयक का विरोध करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, "जब भी BJP कोई नया विधेयक लाती है, यह उसकी नाकामियों को छिपाने की कोशिश होती है. अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्रीय मंत्री (किरेन रिजिजू) को बताना चाहिए कि चीन ने जिन जमीनों पर अपने गांव बसाए, उसका क्या हुआ? लेकिन इस बड़े खतरे पर हंगामा न हो, इसलिए यह विधेयक लाया जा रहा है."
'जब ज्यादातर पार्टियां खिलाफ हैं, तो सरकार क्यों अड़ी है?'
अखिलेश ने लोकसभा में सवाल उठाया, "जब देश की ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां वक्फ विधेयक के खिलाफ हैं, तो सरकार इसे क्यों आगे बढ़ा रही है? विरोध के बावजूद इसे पास करने की जिद क्यों?" उन्होंने आगे दावा किया कि यह विधेयक BJP का "विभाजनकारी एजेंडा" है. अखिलेश ने कहा, "यह देश के करोड़ों लोगों से उनके घर और दुकानें छीनने की साजिश है. जब ज्यादातर पार्टियां इसके पक्ष में नहीं हैं, तो इसे लाने की जरूरत ही नहीं. वक्फ विधेयक BJP की सांप्रदायिक राजनीति का नया रूप है."
विधेयक पर विवाद गहराया
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर लोकसभा में बहस तेज हो गई है. अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्ष ने इसे BJP की विफलताओं को छिपाने और समाज को बांटने की रणनीति करार दिया है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं.