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क्या है यासीन मलिक और डॉ मनमोहन सिंह की उस 18 साल पुरानी तस्वीर की कहानी? कांग्रेस को आज भी दे रही दर्द

Dr Manmohan Singh Yasin Malik: यासीन मलिक और डॉ. मनमोहन सिंह की मुलाकात वाली तस्वीर एक बार फिर से चर्चा और विवादों में आ गई है.

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Edited By: India Daily Live
Yasin Malik with Manmohan Singh
Courtesy: Social Media

देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह इस चुनाव में हर दिन चर्चा में आ जा रहे हैं. कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके बयानों का जिक्र ले आते हैं तो कभी उनके पोस्टर लगा दिए जाते हैं. अब दिल्ली में डॉ. मनमोहन सिंह और अलगाववादी नेता यासीन मलिक की मुलाकात वाली फोटो का पोस्टर लगाने से हंगामा मच गया है. सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस ने इस पोस्टर को हटवा दिया है लेकिन इस तस्वीर ने कांग्रेस के सामने एक बार फिर मुसीबत खड़ी कर दी है. पीएम नरेंद्र मोदी के दावों के बाद वैसे ही कांग्रेस पार्टी के नेता हर जगह सफाई देते फिर रहे हैं कि वह किसी का मंगलसूत्र नहीं छीनने वाले हैं.

दिल्ली के सफदरहाशमी मार्ग पर लगाए गए एक पोस्टर में मनमोहन सिंह और यासीन मलिक की फोटो का इस्तेमाल किया गया है. इस पोस्टर के जरिए कांग्रेस के लिए वोट मांगा गया है. इसमें लिखा गया है, 'फ्रीडम ऑफ स्पीच का समर्थन करने और यासीन मलिक की आजादी की मांग करने के लिए कांग्रेस को वोट दें.' यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल होते ही दिल्ली पुलिस ने मंडी हाउस सर्कल के पास लगे इस पोस्टर को हटा दिया है.

क्या है इस तस्वीर की कहानी?

पहला सवाल तो ये है कि क्या यह तस्वीर सच है? इसका जवाब है कि यह तस्वीर एकदम असली है. असल में यह तस्वीर 17 फरवरी 2006 की है. कश्मीर के मुद्दे को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने स्थानीय पार्टियों के नेताओं के साथ-साथ अलगाववादी नेताओं से भी मुलाकात की थी. इसी सिलसिले में JKLF के अध्यक्ष यासीन मलिक ने भी डॉ. मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी.

मनमोहन सिंह ने यासीन मलिक को दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर बुलाया था. प्रधानमंत्री आवास से निकलने के बाद यासीन मलिक ने मीडिया से भी बातचीत की थी. इसी मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आज भी वायरल हो रही हैं. बता दें कि साल 2019 में केंद्र सरकार ने यासीन मलिक के JKLF पर बैन लगा दिया था. इससे पहले साल 2017 में ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. तब से वह तिहाड़ जेल में बंद है. यासीन मलिक समेत कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ टेरर फंडिंग का केस भी चल रहा है.