VIP Security: कितनी महंगी पड़ती है सरकारी सुरक्षा, VIP तामझाम क्यों है इतना खर्चीला

VIP Security: देश में रह रहे ऐसे लोग जिनकी जान को खतरा होता है उन्हें सरकार की ओर से सुरक्षा प्रदान की जाती है. आइए समझते हैं कि वीआईपी को मिलने वाली सुरक्षा में कितने कैटेगरी होते हैं और इन पर सरकार कितना खर्च करती है.  

India Daily Live

VIP Security In India: देश में कुछ लोगों की जान को हमेशा खतरा रहता है. इनमें मुख्य तौर से पॉलिटिशियन, जज, बिजनेसमैन शामिल होते हैं. इसमें सुरक्षा के लिहाज से इन लोगो को सरकार की ओर से सुरक्षा दी जाती है. इन लोगों को सुरक्षा देने के लिए कई सरकारी एजेंसियां काम करती हैं. सुरक्षा देने के लिए काम करने वाली एजेंसियों में SPG, NSG, ITBP, CRPF का नाम शामिल है. देश के लिए जो लोग सबसे ज्यादा खास होते हैं उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी NSG को दिया जाता है.

ऐसे लोग जिनकी जान को खतरा बना होता है उन्हें अलग-अलग कैटेगरी की सुरक्षा दी जाती है. इन लोगों की सुरक्षा मंत्रियों को मिलने वाली सुरक्षा से अलग होती है. अगर आपकी जान को खतरा है और आप सुरक्षा चाहते हैं तो इसके लिए आपको सबसे पहले एक आवेदन देना होगा. आवेदन दिए जाने के बाद देश की खुफिया एजेंसियां इस बात की जानकारी जुटाटी है कि क्या सच में आपकी जान को खतरा है. जांच के क्रम में एजेंसियों को अगर भरोसा हो जाता है कि आपकी जान को खतरा है तो फिर आपको सुरक्षा दी जाती है. 

भारत में कितने लेवल की सुरक्षा 

आपको किस लेवल की सुरक्षा दी जाएगी यह बात होम सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की एक कमेटी तय करती है. देश में सुरक्षा व्यवस्था को कई लेवल में बाटा गया है. खतरे के स्तर को देखते हुए सरकार की ओर से दी जाने वाली सुरक्षा कैटेगरी में X, Y, Z, Y , Z और SPG सुरक्षा शामिल है. 

X कैटेगरी की सुरक्षा उन लोगों को दी जाती है कि जिनकी जान को मामूली खतरा होता है. इस लेवल की सुरक्षा में 2 सशस्त्र पुलिसकर्मी होते हैं जो 24*7 सुरक्षा प्रदान करते हैं.

Y कैटेगरी की सुरक्षा उन लोगों को दी जाती है जिनकी जान को मध्यम स्तर का खतरा होता है. इस लेवल की सुरक्षा में 1 या 2 कमांडो और पुलिसकर्मी समेत 8 लोग शामिल होते हैं. 

Y कैटेगरी की सुरक्षा में 2-4 कमांडो समेत 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं. यह कमांडो संबंधित व्यक्ति को 24*7 सुरक्षा प्रदान करते हैं.

Z कैटेगरी की सुरक्षा उन लोगों को दी जाती है जिसके ऊपर ज्यादा खतरा होता है. इसमें 22 सुरक्षाकर्मी सुरक्षा होते हैं जिसमें 4 से 6 NSG कमांडो होते हैं. जिस व्यक्ति को इस कैटेगरी की सुरक्षा दी जाती है उसके काफिले में कम से कम पांच गाड़ियां होती हैं जिनमें  से एक गाड़ी बुलेटप्रूफ होती है.

Z कैटेगरी की सुरक्षा ज्यादातर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्रियों को दी जाती है. इस लेवल की सुरक्षा में 55 सुरक्षाकर्मी होते हैं जिसमें 10 से ज्यादा NSG कमांडो और  अन्य पुलिसकर्मी होते हैं. ये कमांडो बिना हथियार लड़ने में भी सक्षम होते हैं. जिस व्यक्ति को इस कैटेगरी की सुरक्षा दी जाती है उसके काफिले में पांच गाड़ी बुलेटप्रूफ होती है.

SPG कैटेगरी की सुरक्षा सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा है. यह सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री को ही मिलती है. इस ग्रुप का गठन इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था. प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हर दिन करीब 1.17 करोड़ खर्च होते हैं.

सुरक्षा देने के लिए कितना खर्चा करती है सरकार 

वीआईपी लोगों की सुरक्षा देना एक महंगा सौदा है. रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2019 में वीआईपी की सुरक्षा में करीब 30 हजार गाड़ियां और 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षा पर सालाना 12 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. 12 हजार करोड़ के इस खर्च में सुरक्षाकर्मियों का वेतन और पेट्रोल डीजल का खर्च शामिल है. इस सुरक्षाकर्मियों का खाना पीना, ट्रैवलिंग अलाउंस और भत्ता अलग है. आपको बताते चलें केंद्र और राज्य सरकार की ओर से इन खर्चों का वहन किया जाता है.