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West Bengal Violence: कहीं फूटा बम, कहीं बरसे पत्थर, कहीं हुई आगजनी, रामनवमी पर दहशत के साए में रहा पश्चिम बंगाल

तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि हिंसा भारतीय जनता पार्टी की वजह से भड़की है. वहीं, बीजेपी कह रही है कि तृणमूल कांग्रेस पर सुरक्षा की जिम्मेदारी थी लेकिन उन्होंने जानबूझकर हिंसा भड़कने दिया.

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Edited By: India Daily Live
West Bengal Violence
Courtesy: Social Media

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में रामनवमी पर एक बार फिर हिंसक झड़पों के मामले सामने आए हैं. मुर्शीदाबाद के बेलडांगा शहर में एक मस्जिद के पास से रामनवमी का जुलूस निकल रहा था, तभी हिंसा भड़क गई. बुधवार को हिंसा में दो नाबालिगों समेत 18 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं, कई दुकानों में तोड़फोड़ हुई है. उपद्रवियों ने छत से पत्थर बरसाए हैं. मुर्शिदाबाद के DIG सैयद वकार रजा हादसे के बाद मौके पर पहुंचे लेकिन तब तक हिंसा बढ़ चुकी थी. इस हिंसा में कुछ पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटें आई हैं.

मुर्शिदाबाद इलाके में अब केंद्रीय बलों ने कमान संभाली है. घटना के बारे में पश्चिम बंगाल पुलिस कुछ कहने से बचती नजर आ रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ जगहों पर टकराव रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. कुछ जगहों पर लाठीचार्ज भी करना पड़ा. 


पुलिसकर्मी भी हिंसा में हुए जख्मी, जुलूस के दौरान भड़की हिंसा

पुलिस ने 20 लोगों को हिरासत में लिया है. घायलों में स्थानीय शक्तिपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी भी शामिल हैं. कुछ लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. कई जगहों पर देसी बम भी फेंके गए हैं. घायलों को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. रामनवमी जुलूस में शामिल कुछ लोगों ने मस्जिद पर तलवारें लहराईं और कीचड़ फेंके, जिसकी वजह से सांप्रदायिक झड़पें हुईं.

घरों से लोगों ने जुलूस पर बरसाए पत्थर, केंद्रीय बल तैनात

जुलूस में शामिल लोगों का कहना है कि बिना किसी उकसावे के घरों से पत्थर बरसाए गए, जुलूस पर हमला बोला गया. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों की संख्या कम थी और उन पर हमला कर दिया गया. जब तक केंद्रीय बल पहुंचते, हिंसा अपने चरम पर पहुंच चुकी थी. ऐसा नहीं है कि इस इलाके में पहली बार हिंसा भड़की हो. तीन दिन पहले इसी क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने सोमवार को मुर्शिदाबाद के DIG मुकेश का तबादला कर दिया और उनकी जगह रजा को नियुक्त किया. मंगलवार तक इलाके में धारा 144 लागू थी. 

 



हिंसा पर बात नहीं, आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

डीआइजी के तबादले के बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर ताजा हिंसा भड़की तो चुनाव आयोग जिम्मेदार होगा. बुधवार की झड़पों पर पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि पुलिस उपद्रवियों से मिली है और चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप करने को कहा.