मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, कांगपोकपी डिप्टी कमिश्नर के दफ्तर पर हमला, एक पुलिस अधिकारी घायल
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर शुक्रवार को एक बार फिर हिंसा से जल उठा. बेकाबू भीड़ ने कांगपोकपी जिले के डिप्टी कलेक्टर ऑफिस पर हमला कर दिया. इस दौरान भीड़ की सुरक्षा बलों से झड़प हुई जिसमें कांगपोकपी के पुलिस अधिकारी मनोज प्रभाकर समेत कई सुरक्षा बल घायल हो गए. सुरक्षाबल हालात पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं.
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर शुक्रवार को एक बार फिर हिंसा से जल उठा. बेकाबू भीड़ ने कांगपोकपी जिले के डिप्टी कलेक्टर ऑफिस पर हमला कर दिया. इस दौरान भीड़ की सुरक्षा बलों से झड़प हुई जिसमें कांगपोकपी के पुलिस अधिकारी मनोज प्रभाकर समेत कई सुरक्षा बल घायल हो गए. सुरक्षाबल हालात पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रहे हैं.
अचानक क्यों भड़क उठी हिंसा
इस हिंसा के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है. बताया जा रहा है कि बार-बार मांग करने के बाद भी अधिकारी इंफाल ईस्ट जिले से सटे साईबोल गांव से सेंट्रल फोर्स को नहीं हटा रहे हैं जिसे हिंसा के पीछे का कारण माना जा रहा है.
मार्च करती हुई कलेक्टर ऑफिस पहुंची भीड़
रिपोर्ट के मुताबिक, साईबोल गांव में 31 दिसंबर को सेंट्रल फोर्सेज की सख्ती के इस्तेमाल के खिलाफ कुकी आदिवासी समूहों ने पैदल मार्च का आयोजन किया था, मार्च के दौरान भीड़ भड़क गई और सीधे कलेक्टर के ऑफिस पहुंच गई. ऑफिस पहुंचते ही भीड़ ने तोड़फोड़ शुरू कर दी और ऑफिस पर पथराव किया. इस दौरान कई लोग घायल हो गए. साथ ही ऑफिस कंपाउंड की पार्किंग में खड़े बहुत सारे वाहन भी भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिए.
सेना की मौजूदगी का विरोध
साईबोल गांव के लोग गांव में सेना की मौजूदगी का विरोध कर रहे हैं. 31 दिसंबर को करीब 80 कुकी महिलाओं ने गांव से सेंट्रल फोर्सेज को वापस बुलाने को लेकर प्रदर्शन शुरू किया था जिसे तितर-बितर करने के लिए उन पर रबर की गोलियां चलाई गईं जिसमें 50 कुकी महिलाएं घायल हुई थीं. एक महिला को गंभीर हालत में गुवाहाटी रेफर किया गया था. इसके बाद से ही गांव में तनाव चल रहा था. शुक्रवार को लोगों का गुस्सा भड़क गया.