नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार देर रात तनाव बढ़ गया. दरअसल, कथित तौर पर एक अवैध दरगाह संरचना को गिराने की योजना से पहले पथराव हुआ, जिसमें कम से कम चार से पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. बुधवार की सुबह कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच नासिक नगर निगम द्वारा ध्वस्तीकरण अभियान शुरू करने से कुछ घंटे पहले ही हिंसा भड़क उठी.
बताया जा रहा है कि यह उपद्रव आधी रात के आसपास शुरू हुआ जब इलाके में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई. विवादित धार्मिक स्थल से जुड़ी अफवाहों के बीच भीड़ जमा हो गई और दरगाह के पास तैनात पुलिसकर्मियों पर पथराव करने लगी. कई वाहन के सीसे टूटे. अधिकारियों के अनुसार, भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद भीड़ 400 से ज़्यादा लोगों तक पहुंच गई, जिसके बाद आस-पास के इलाकों से अतिरिक्त बल भेजा गया.
दरगाह ट्रस्ट को भेजा गया था नोटिस
इससे पहले, कोर्ट के आदेश के बाद, नगर निगम अधिकारियों ने दरगाह ट्रस्ट को 1 अप्रैल को अंतिम नोटिस भेजा था, जिसमें संरचना को अवैध घोषित किया गया था. ट्रस्ट को 15 अप्रैल तक स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाने या आधिकारिक विध्वंस कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा गया था.
समय सीमा समाप्त होने के बाद, सुरक्षा बलों द्वारा समर्थित नगर निगम की टीमें मंगलवार को वहां पहुंचीं. दरगाह के आसपास के क्षेत्र को 100 मीटर के दायरे में बैरिकेड्स से घेर दिया गया था और ऑपरेशन के दौरान किसी भी नागरिक को प्रवेश की अनुमति नहीं थी. अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार दोपहर तक ध्वस्तीकरण का काम पूरा होने की उम्मीद है.
इससे पहले भी भड़की थी हिंसा
यह पहली बार नहीं है जब इलाके में तनाव की स्थिति बनी है. दरगाह को ध्वस्त करने के पिछले प्रयास से भी अशांति फैली थी, जिसके बाद धार्मिक नेताओं को हस्तक्षेप करना पड़ा और मामले को सुलझाने के लिए और समय मांगा. अधिकारियों ने तब कुछ समय के लिए राहत दी थी, लेकिन ट्रस्ट की ओर किसी भी बात को न मानने के बाद कार्रवाई शुरू की गई.