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India Daily

VIDEO: दिल्ली विधानसभा के नए स्पीकर बनेंगे विजेंद्र गुप्ता, कभी मार्शल द्वारा निकाले गए थे बाहर

भारतीय जनता पार्टी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में दोबारा आ गई है. रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त किया गया है, जबकि विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुना गया है. यह वही विजेंद्र गुप्ता हैं, जिन्हें पूर्व में विधानसभा से बाहर निकाला गया था.

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Edited By: Ritu Sharma
 Vijender Gupta News
Courtesy: Social Media

Vijender Gupta News: दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा का नया अध्यक्ष चुना गया है. यह वही विधानसभा है जहां से उन्हें पहले कई बार मार्शल द्वारा बाहर निकाले जाने के नाटकीय दृश्य देखे गए थे. अब वही नेता सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे.

भाजपा की सत्ता में वापसी और गुप्ता की नई भूमिका

आपको बता दें कि 27 साल बाद दिल्ली में सत्ता में आई भाजपा ने विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव किया है. खास बात यह है कि पूर्व अध्यक्ष राम निवास गोयल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोनों ही अब सदन का हिस्सा नहीं हैं. वहीं गुप्ता 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में केजरीवाल लहर के बावजूद रोहिणी सीट से विजयी हुए थे. अब वह उसी विधानसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे, जहां से उन्हें कभी बाहर निकाला गया था. यह एक तरह से राजनीतिक संतुलन की वापसी जैसा प्रतीत हो रहा है.

रोहिणी से लगातार तीन बार जीते गुप्ता

बताते चले कि बनिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले विजेंद्र गुप्ता ने 2025 के विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार रोहिणी सीट से जीत दर्ज की. उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रत्याशी प्रदीप मित्तल को 37,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया. वहीं गुप्ता दिल्ली भाजपा इकाई के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं और विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं.

पार्षद से विधानसभा अध्यक्ष तक, जानें राजनीतिक सफर 

  • विजेंद्र गुप्ता का राजनीतिक सफर काफी लंबा और दिलचस्प रहा है.
  • 14 अगस्त 1963 को जन्मे गुप्ता ने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की उपाधि प्राप्त की.
  • 1980 में उन्होंने जनता विद्यार्थी मोर्चा से राजनीति में कदम रखा.
  • 1995 में वह भाजपा की युवा शाखा के अध्यक्ष बने.
  • 1997 में उन्हें पहली चुनावी सफलता मिली और वह दिल्ली नगर निगम (MCD) के पार्षद बने.
  • 2009 में उन्होंने चांदनी चौक से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के कपिल सिब्बल से हार गए.
  • 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने उन्हें हराया, लेकिन उन्होंने 2015 में वापसी की और रोहिणी सीट से जीत दर्ज की.
  • 2020 और 2025 में भी उन्होंने रोहिणी सीट को बरकरार रखा.

अब नई चुनौती - विधानसभा की कार्यवाही संभालना

इसके अलावा, विधानसभा अध्यक्ष के रूप में गुप्ता की भूमिका अहम होगी. सदन में भाजपा का बहुमत होने के बावजूद विपक्षी दलों की चुनौती बनी रहेगी. अब देखना होगा कि वह सदन को कितनी निष्पक्षता और प्रभावी ढंग से चला पाते हैं.