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Vijay Diwas 2024: जब पाकिस्तान के जुल्म से कराह रहा था 'कटा हुआ बंगाल', दमन और नरसंहार पर भारतीय फौज ने चलाई थी चाबुक

Vijay Diwas 2024: 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है. चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कैसे 1971 में भारत ने पाकिस्तान को हराया और बंगाल-पंजाब हुए दो हिस्सों में बंटे.

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Edited By: Princy Sharma
Vijay Diwas 2024
Courtesy: Pinterest

Vijay Diwas 2024: आज 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, जो भारत के इतिहास का एक अहम दिन है. 1971 में इस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हराकर पूर्वी पाकिस्तान को आजादी दिलाई और 'बांग्लादेश' नामक नए राष्ट्र का जन्म हुआ. यह दिन भारत के लिए गर्व और शौर्य का प्रतीक है, जब भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक युद्ध जीतकर बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाई.

1971 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ा था, जिसमें भारत ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम को समर्थन दिया. पाकिस्तान के जनरल याह्या खान की सैन्य सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान में बांग्लादेशियों के खिलाफ हिंसा शुरू की थी, जिसके बाद भारत को इस संघर्ष में हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारतीय सेना को पाकिस्तान पर हमला करने की इजाजत दी, जिससे युद्ध शुरू हुआ.

4 दिसंबर 1971 को भारत ने ऑपरेशन ट्राइडेंट लॉन्च किया और पाकिस्तान की सेना को बांग्लादेश में मुंह तोड़ जवाब दिया. इस युद्ध का सबसे निर्णायक मोड़ 16 दिसंबर 1971 को आया, जब पाकिस्तान ने भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया और बांग्लादेश का जन्म हुआ. 

बंगाल का बंटवारा और पाकिस्तान का निर्माण 

बंगाल, जो कभी एक ही प्रांत था, 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान बंट गया था. ब्रिटिश भारत के समय बंगाल को एक साझा प्रांत के रूप में देखा जाता था. लेकिन अंग्रेजों ने 1905 में 'फूट डालो और राज करो' की नीति अपनाकर बंगाल का बंटवारा किया था, जिसे बाद में 1911 में एकजुट कर दिया गया.  1947 में देश के बंटवारे के बाद बंगाल दो हिस्सों में बंट गया— पश्चिम बंगाल, जो भारत का हिस्सा बना, और पूर्वी बंगाल, जिसे पाकिस्तान का हिस्सा बना, जो बाद में बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र हो गया.

पाकिस्तान का बंटवारा

1947 में पाकिस्तान के जन्म के साथ ही पंजाब प्रांत का भी बंटवारा हुआ. भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा खींचने का काम ब्रिटिश वकील सर सिरिल रेडक्लिफ को सौंपा गया था. उन्होंने बिना पूरी जानकारी के इस बंटवारे को अंजाम दिया, जिससे दोनों देशों में भारी नाराजगी हुई. पाकिस्तान को लाहौर जैसा महत्वपूर्ण शहर मिला, जो पहले भारत को सौंपा गया था, लेकिन बाद में उसे पाकिस्तान को दे दिया गया.

भारत-पाकिस्तान बंटवारे का रिजल्ट

बंटवारे  के दौरान लाखों लोग बेघर हो गए और करीब 10 लाख लोग मारे गए. इसके साथ ही 1.46 करोड़ लोग शरणार्थी बनकर भारत और पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में चले गए. यह विभाजन भारत के इतिहास का सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक था.

 विजय दिवस का यह दिन हमारे सैन्य बलों की वीरता और देश की अखंडता के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. 1971 का युद्ध और बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम भारत के वीर सैनिकों की बेमिसाल साहस की कहानी है, जिसे हम हर साल 16 दिसंबर को गर्व से याद करते हैं.